चंदवा. महुआ मिलान श्रमिक सहकारी सहयोग समिति लिमिटेड, जमीरा के बैनरतले एस्सार प्लांट से विस्थापित एवं प्रभावित गांवों के रैयतों की बैठक शनिवार को अनगड़ा स्थित एस्सार प्लांट परिसर के समीप हुई. अध्यक्षता जमीरा पंचायत के पूर्व मुखिया बैजू मुंडा ने की. बैठक में अनगड़ा के चतरो स्थित एस्सार पावर लिमिटेड को यथावत स्थिति में टेकओवर करनेवाली कंपनी ओड़िशा अलॉय स्टील प्राइवेट लिमिटेड से विस्थापित एवं प्रभावित रैयतों की नौकरी, रोजगार एवं विस्थापन एवं पुर्णवास नीति का कठोरता से पालन सुनिश्चित कराने को लेकर 27 मई को आहूत एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन की सफलता को लेकर चर्चा की गयी. विस्थापित व प्रभावित रैयतों ने बताया कि वर्ष 2007-08 में 1200 मेगावाट का थर्मल पावर संयंत्र स्थापित करने को लेकर हम सभी से जमीन ली गयी थी. 22 बिंदुओं पर एकरारनामा के साथ 524 एकड़ जमीन एस्सार कंपनी ने ली थी. उस समय सभी को झांसा दिया था कि विस्थापन एवं पुनर्वास नीति का पालन किया जायेगा, लेकिन किसी कारणवश कंपनी 2012 में बंद हो गयी. इसके बाद एनसीएलटी कोर्ट की ओर से प्लांट को दिवालिया घोषित कर 2020 से चल रहे परिसमापन प्रक्रिया में अंतिम में इस कंपनी को कॉरपोरेट गोइंग ऑन कंसर्न बेसिस पर सफल बोलीदाता के रूप में ओड़िशा अलॉय प्राइवेट लिमिटेड रशमी मेटल को हैंडओवर कर दिया गया है. प्लांट को टेकओवर करनेवाली कंपनी से अपने हक एवं अधिकारों को लेकर हम सभी मंगलवार को एकत्र होंगे व शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखेंगे. बैठक में चंद्रदीप कुमार, मैनेजर उरांव, अरुण ठाकुर, सजीव कुमार, मनजीत गंझू, प्रमोद गंझू, कामेश्वर गंझू, दीपक निषाद समेत अनगड़ा, चतरो, अर्धे, लोहसिंगना, महुआ मिलान, तूपी समेत कई गांवों के लोग मौजूद थे.
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