लातेहार ़ जिला कुष्ठ कार्यालय ने लेप्रोसी (कुष्ठ) के रोगियों की खोज प्रारंभिक अवस्था में करने के उद्देश्य से शहर के राजहर मुहल्ले में रोगी तथा परिजनों के स्वास्थ्य की जांच की गयी. कुष्ठ से बचाव करने के लिए दवा भी खिलाया गया. जांच कैंप में सभी रोगियों को सेल्फ केयर के महत्व बारे में भी विशेष रूप से बताया गया. सेल्फ केयर कीट एवं चप्पलों का वितरण किया गया. सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सिंह एवं जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डाॅ शोभना टोपनो के निर्देश पर डॉ राजेश कुमार ने रोगियों के परिजन एवं आसपास के व्यक्तियों का शारीरिक एवं अन्य जांच कर दवाइयों का वितरण किया. उन्होंने बताया कि त्वचा में बदरंग दाग, जिसमें पूर्णतः सुन्न या हल्का सुन्नपन्न हो तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाना चाहिए. इसके अलावा चेहरा चमकदार या तैलिये दिखायी दे, त्वचा में गांठ दिखायी दे, कान के किनारे मोटापन, गठन या चेहरे में गठान, आंख का फलक बंद करने में कठिनाई हो या आंख से पानी आये, भौं का झड़ जाना, नाक का दब जाना, कोहनी या घुटना में दर्द या झुनझूनी, ठंडा या गर्म महसूस नहीं होना, हथेली में सूनापन महसूस होना, किसी चीज को उठाने या पकड़ने में कठिनाई होना, हाथ की उंगलियों या पैर के अंगूठे में झुनझूनी, हाथ व पांव में झुनझूनी आदि में एक से अधिक लक्षण दिखायी दे तो कुष्ठ हो सकता है. उन्होंने तुरंत चिकित्सक से संपर्क करने की बात कही है. मौके पर रंजन कुजूर व रिंकू कुमार समेत कई लोग मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है