बेतला़ बेतला और पोखरी इलाके में मुहर्रम पारंपरिक तरीके से शांतिपूर्ण वातावरण में मनाया गया. इस दौरान बेतला और पोखरी इलाके के तीन दर्जन से अधिक ताजिया अलग-अलग चौक पर रखा गया. इसके बाद सभी ताजिया को पोखरी चौपाल पर लाया गया. दोपहर बाद चौपाल पर 10 हजार से भी अधिक की संख्या में मौजूद दोनों समुदाय के लोगों की उपस्थिति में ताजिया का मिलान किया गया. इसके बाद सभी ताजिया को पुन: उनके चौक पर लाया गया. चौपाल पर युवकों ने लाठी, डंडे तलवार से करतब दिखाया. चौपाल पर बेतला, पोखरी, सरईडीह व कुटमू बगइचा समेत आसपास के ताजिया और निशान झंडे को लाया गया था. बारिश के बावजूद भी लोग चौपाल पर जमे रहे. पर्व को लेकर बरवाडीह पुलिस प्रशासन चुस्त-दुरुस्त रही. वहीं, मुहर्रम इंतजामिया कमेटी के लोग भी सक्रिय रहें. हजारों की संख्या में पहुंचे महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सुविधा रखी गयी थी. जुलूस के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो इसके लिए पुलिस की कड़ी निगरानी रही. ड्रोन कैमरा से निगरानी की गयी. जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात रहे. कई जगह पर कमेटी के लोगों को पगड़ी पोशी कर सम्मानित किया गया. शाम में भी रंग-बिरंगे बल्ब की रोशनी के बीच आकर्षक ताजिया का मिलान मुकाम पर किया गया और इसके बाद कर्बला तक ले जाया गया. मौके पर अल्पसंख्यक मोर्चा के नसीम अंसारी, अख्तर अंसारी, हेसामूल अंसारी, मनान अंसारी, शमशुल अंसारी, असलम अंसारी, बेतला जनरल खलीफा बहाउद्दीन अंसारी, अली हसन अंसारी मोजीबुल रहमान, एनामुल अंसारी, हसीब अंसारी, पोखरी मुखिया नीतू देवी, केचकी मुखिया बुद्धेश्वर सिंह, बेतला मुखिया मंजू देवी, पूर्व मुखिया संजय सिंह, मनोज मांझी मो आलम व करीम अंसारी समेत कई लोग मौजूद थे. सच्चाई की राह में कुर्बान होने की सीख देता है मुहर्रम : रामचंद्र सिंह बेतला. पोखरी के चौपाल पर ही मुहर्रम इंतजामिया कमेटी के द्वारा मुहर्रम के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी मुमताज अली ने की. मुहर्रम इंतजामिया कमेटी के जनरल खलीफा अरशद उल कादरी के नेतृत्व में मुख्य अतिथि विधायक रामचंद्र सिंह, बीडीओ रेशमा रेखा मिंज, जिप सदस्य संतोषी शेखर, कांग्रेस स्टेट कोऑर्डिनेटर विजय बहादुर सिंह, सीओ मनोज कुमार व थाना प्रभारी राधेश्याम कुमार को सम्मानित किया गया. मौके पर विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि मुहर्रम का पर्व हमें सच्चाई की राह में कुर्बान होने की सीख देता है. इमाम हसन हुसैन की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता है. मुहर्रम का पर्व आपसी भाईचारा और शांतिपूर्ण वातावरण में मनाया जाता रहा है यह पोखरी व बेतला की आपसी एकता व भाईचारा की मिसाल है.
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