लातेहार. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मंगलवार को भाकपा माओवादी के दो सक्रिय सदस्यों ने आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करनेवालों में अमरजीत उर्फ काली उर्फ शनि बृजिया (19) पिता-बलराम बृजिया एवं मिथिलेश उर्फ अखिलेश (28) पिता-जीतन कोरवा शामिल हैं. दोनों छत्तीसगढ़ के बलरामपुर स्थित सामरीपाठ थाना अंतर्गत पंचफेड़ी चुनचुना के रहनेवाले हैं. पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित एक समारोह में एसपी कुमार गौरव व सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमाडेंट यादराम बुनकर ने दोनों माओवादियों को बुके और शॉल भेंटकर समाज की मुख्यधारा में लौटने की उन्हें बधाई दी. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि क्षेत्र में माओवादी एवं अन्य उग्रवादी संगठन बहुत कमजोर हुआ है. पुलिस लगातार उनपर भारी पड़ रही है. कई शीर्ष माओवादी व उग्रवादी या तो गिरफ्तार हो चुके हैं या मुठभेड़ में मारे गये हैं. शेष जो बचें हैं, उनका भी यही अंजाम होगा. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों माओवादी रीजनल कमेटी सदस्य और 15 लाख के इनामी माआवोदी छोटू खरवार उर्फ छोटूजी (अब मृत), 10 लाख का इनामी माओवादी प्रदीप सिंह चेरो व नीरज सिंह खरवार और वर्तमान में मृत्युंजय भुइयां उर्फ फ्रेश भुइयां उर्फ अवधेश जी के दस्ते में शामिल थे. दोनों छिपादोहर, बारेसांढ़, महुआडांड़, नेतरहाट, बूढ़ा पहाड़ एवं उसके सीमावर्ती कुसमी, सिमरिया, सामरीपाठ (छत्तीसगढ़) में सक्रिय थे. सीआरपीएफ कमांडेंट ने कहा कि सीआरपीएफ की ओर से माओवादी एवं अन्य उग्रवादी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अमरजीत के खिलाफ लातेहार जिला के छिपादोहर थाना में कांड संख्या 14/2020 और मिथिलेश पर भी छिपादोहर थाना कांड संख्या 14/2020 में मामला दर्ज है.
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