आउटसोर्सिंग कंप्यूटर कर्मचारियों ने समाहरणालय के समीप दिया धरना प्रतिनिधि, पाकुड़ विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को समाहरणालय के समीप आउटसोर्सिंग कंप्यूटर संघ के प्रतिनिधियों ने एक दिवसीय धरना दिया. इसके बाद अपनी मांगों को लेकर डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिला सचिव तौसीफ अहमद ने बताया कि झारखंड राज्य में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बनायी गयी नियमावली पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है. नियमावली में पांच वर्षों तक ही कार्य करने की बात कही गयी है. वहीं अन्य राज्यों की तरह किसी प्रकार का कोई लाभ देन का जिक्र नहीं किया गया है. इससे राज्य में आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटर में रोष व्याप्त है. बताया कि पांच वर्षों तक कार्य करने के बाद हमलोग क्या करेंगे. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 12 सूत्री मांगों संबंधित विभाग के अधीन संविदा के आधार पर समायोजन करने, झारखंड राज्य के सभी विभागों में वर्तमान में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का पद सक्षम स्तर से स्वीकृत करते हुए कार्यरत कर्मियों के स्वीकृत पद के अनुरूप समायोजित करने, दुर्घटना के क्रम में शारीरिक रूप से अपंग होने पर बीमा के रूप में पांच लाख रुपये तथा दुर्घटना में मृत्यु के पश्चात 10 लाख का भुगतान का प्रावधान करने़, सरकार एवं वित्त विभाग से नियमावली में वित्त विभाग झारखंड सरकार द्वारा संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए निर्धारित मानदेय का भुगतान आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को किये जाने, बिहार सरकार के तर्ज पर सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा 60 वर्ष तक सुरक्षित करने, मध्य प्रदेश सरकार के तर्ज पर सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा से मुक्त करने समेत अन्य मांगों को लेकर धरना दिया गया है. 15 जून 2025 को रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में एक दिवसीय धरना का कार्यक्रम किया जाना है. बताया कि यदि मांगों को लेकर नियमावली में समाहित करने का निर्णय नहीं लिया जाता है तो बाध्य होकर आंदोलन को आगे बढ़ते हुए हड़ताल या सामूहिक अवकाश आदि का भी निर्णय लिया जा सकता है. मौके पर मोहम्मद माजिद अंसारी, रूपम कुमारी, तौसीफ अहमद, सद्दाम हुसैन, तनवीर आलम, विष्णु रजक, बंटी कुमार आदि मौजूद थे.
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