प्रतिनिधि, हिरणपुर. प्रखंड मुख्यालय से जोड़ती गोविंदपुर-सिउलीडांगा सड़क काफी सालों से जर्जर हालत में है. करीब तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क में बने बड़े-बड़े गड्ढों के कारण ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात के समय इस सड़क पर चलना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं होता. सड़क की दुर्दशा के कारण गांव के समीप स्थित एक सरकारी विद्यालय के सैकड़ों बच्चे इसी सड़क से आने-जाने को विवश हैं. बच्चों को स्कूल जाने के लिए न केवल कठिनाई झेलनी पड़ती है, बल्कि उन्हें जान का जोखिम भी उठाना पड़ता है. अधिकांश बच्चे वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करते हैं. इस सड़क पर पत्थर लदे भारी वाहनों की आवाजाही होती है, जिससे इसकी हालत और खराब हो गई है. इसके बावजूद संबंधित विभाग द्वारा इसे ठीक करने की कोई पहल नहीं की जा रही है. सड़क के किनारे कई क्रशर और खदानें संचालित हैं, फिर भी संचालकों द्वारा सड़कों के गड्ढों को भरने का प्रयास नहीं किया जाता. जबकि लीज लेने से पहले खदान मालिक ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन देते हैं, परंतु उनकी कथनी और करनी में फर्क साफ झलकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह अधिकारियों का मौन रहना है. सड़क की खराब स्थिति के कारण बेलपहाड़ी, शिउलीडांगा आदि कई गांवों के ग्रामीणों को आवागमन में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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