महेशपुर. महेशपुर प्रखंड के महेशपुर, जगदीशपुर, सातबेहरा, सिंघना और बाबूदाहा गांव के सैकड़ों पहाड़िया परिवार पिछले कई महीनों से खाद्यान्न से वंचित हैं. सरकार भले ही डाकिया योजना के तहत घर-घर राशन पहुंचाने का दावा कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है. पीवीटीजी से आने वाले इन परिवारों को अप्रैल माह का चावल अब तक नहीं मिला है, जिससे इनका भरण-पोषण करना बेहद मुश्किल हो गया है. लाभुक काकोली पहाड़िन, सावित्री पहाड़िन, रीना पहाड़िन, लक्खी पहाड़िन, सरोला पहाड़िन, मामोनी पहाड़ीन, मूर्ति पहाड़िन, सुलु पहाड़िन, शांति पहाड़िन, छोबू पहाड़िन समेत दर्जनों पहाड़िया महिलाओं ने बताया कि घर के सभी पुरुष सदस्य बाहर मजदूरी के लिए चले गए हैं और परिवार की महिलाओं को कभी-कभार उधार मांगकर या स्थानीय दुकानों से चावल खरीदकर दिन काटना पड़ रहा है. लाभुकों का आरोप है कि क्षेत्र के बाकी सभी लोगों को राशन मिल चुका है, लेकिन केवल पहाड़िया समाज के लोग अप्रैल माह से अब तक पीवीटीजी योजना का चावल पाने से वंचित हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से अविलंब राशन उपलब्ध कराने की मांग की है. बोले प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी : इस संबंध में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी फखरे आजम ने बताया कि दो पहाड़िया गांवों में पीवीटीजी चावल का वितरण नहीं हो पाया है. संबंधित लाभुकों को दो माह का चावल एक साथ वितरित किया जाएगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही राशन वितरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
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