पाकुड़. आउटसोर्सिंग कंप्यूटर संघ के प्रतिनिधियों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को समाहरणालय परिसर में प्रदर्शन किया. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नसीम अहमद के आह्वान पर एक दिवसीय हड़ताल पर जाने का भी निर्णय लिया है. संघ के जिलाध्यक्ष गोविंद पांडेय ने बताया कि झारखंड राज्य में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बनायी गयी नियमावली पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है. इसी का विरोध जताया गया है. राज्य में आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटरों में इसे लेकर रोष व्याप्त है. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 10 सूत्री मांग, सरकार एवं वित्त विभाग से नियमावली में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए निर्धारित मानदेय का भुगतान आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को किये जाने, बिहार सरकार के तर्ज पर सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा 60 वर्ष तक सुरक्षित करने, मध्य प्रदेश सरकार के तर्ज पर सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा से मुक्त करने, संबंधित विभाग के अधीन संविदा के आधार पर समायोजन करने, झारखंड राज्य के सभी विभागों में वर्तमान में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का पद सक्षम स्तर से स्वीकृत करने, कार्यरत कर्मियों को स्वीकृत पद के अनुरूप समायोजित करने, दुर्घटना के क्रम में शारीरिक रूप से अपंग होने पर बीमा के रूप में पांच लाख रुपया देने, दुर्घटना में मृत्यु के पश्चात 10 लाख का भुगतान का प्रावधान करने शामिल है. मामले की जानकारी डीसी को भी दे दी गयी है. बुधवार शाम को कैंडल मार्च निकाला जायेगा. वहीं, 12 जून को जिला मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जायेगा. 15 जून को रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में एक दिवसीय धरना का कार्यक्रम करना है. बताया कि यदि मांगों को नियमावली में समाहित करने का निर्णय नहीं लिया जाता है तो बाध्य होकर अंतिम विकल्प के तौर पर आंदोलन को आगे बढ़ते हुए हड़ताल या सामूहिक अवकाश आदि का भी निर्णय लिया जा सकता है.
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