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Ratan Tata: रतन टाटा ने जमशेदपुर से शुरू किया कैरियर, अंतिम बार 2021 में आए

Ratan Tata: रतन टाटा झारखंड के लिए काफी कुछ काम किये थे. 2018 में रांची में कैंसर अस्पताल की स्थापना के लिए आधारशिला रखी थी. उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे.

Ratan Tata: पद्मविभूषण रतन टाटा का कैरियर जमशेदपुर से ही शुरु हुआ है. जिस कंपनी के वे चेयरमैन और मालिक की भूमिका में थे, उसी कंपनी में वे बतौर कर्मचारी काम करना शुरू किया. उनका जन्म वर्ष 1937 को हुआ था. उनके पिता नवल टाटा और मां सुनू थी. 17 साल की उम्र में वे यूएसए के न्यूयार्क स्थित कार्नेल यूनिवर्सिटी के लिए गये.

यहां उन्होंने करीब सात साल तक वास्तुकला और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. साल 1962 में रतन टाटा वास्तुकला में ग्रेजुएट हुए और इसी साल वह पहली बारटाटा समूह की कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज में बतौर असिस्टेंट शामिल हुए. वे जमशेदपुर से ही अपने कैरियर की शुरुआत की. वे टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (अब टाटा मोटर्स) के जमशेदपुर प्लांट में छह माह की ट्रेनिंग ली.

इसके बाद रतन टाटा का एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए ट्रांसफर किया गया. यह ट्रांस्फर टाटा स्टील (उस वक्त टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी टिस्को) में किया गया. इसके बाद वे टिस्को के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में 1965 में भेजे गये. वे वहां तकनीकी अधिकारी के तौर पर काम करना शुरू किये.

कोरोना के बाद अंतिम बार 2021 में आये थे रतन टाटा

रतन टाटा अंतिम बार जमशेदपुर 2021 में आये थे. रतन टाटा का आगमन संस्थापक दिवस यानी 3 मार्च को हुआ था. वे कोरोना के बाद पहली बार जमशेदपुर का दौरा किये थे. उनके साथ चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी थे. उनका यहां आने पर टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने स्वागत किया था. वे यहां संस्थापक दिवस समारोह में हिस्सा लिये थे. वे जुबिली पार्क में लाइटिंग की शुरुआत के अलावा जमशेदपुर के टाटा मोटर्स प्लांट से लेकर टाटा स्टील के मुख्य समारोह में भाग लिये थे.

सीएच एरिया के दो मकान को खुद किया था डिजाइन, यादें जुड़ी है

टाटा समूह के कामकाज सीखने के लिए वे बकायदा मजदूरों के साथ शॉप फ्लोर में काम किये. इसके बाद वे लगातार बुलंदियों को छूते गये. उनसे जुड़ी एक याद जमशेदपुर में है. जमशेदपुर के बिष्टुपुर के सीएच एरिया में उनकी ही डिजाइन की गयी तो मकान है, जिसेमं आज टाटा स्टील के पूर्व डिप्टी एमडी डॉ टी मुखर्जी रहते है. इसके अलावा उक्त मकान से सटे हुए एक और मकान में मानसरोवर कंपनी के प्रोपराइटर रहते है. रतन टाटा ने उक्त मकान की खुद डिजाइनिंग की थी. वे एक आर्किटेक्ट भी थे. वे जमशेदपुर प्रवास के दौरान टाटा स्टील के लिए खुद से डिजाइन की थी, जो सबलीज का मकान था. उक्त मकान अब उपरोक्त दोनों शख्स के पास है.

रतन टाटा ने मुंबई बुलाकर की थी शहर के दो पेंटर से

जमशेदपुर से रतन टाटा का जबरदस्त लगाव था. यहां के दो पेंटरों को अपने पास मुंबई बुलाकर लाये थे. वे यहां आने के दो पेंटर अर्जुन दास और असीम पोद्दार को बुलाये थे. उनकी पेंटिंग को लिया था और पेंटिंग के बाद दोनों की तारीफ भी की थी.

2018 में रांची में कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर की रखी थी आधारशिला

रतन टाटा झारखंड के लिए काफी कुछ काम किये थे. 2018 में रांची में कैंसर अस्पताल की स्थापना के लिए आधारशिला रखी थी. उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे. रतन टाटा के साथ उस वक्त के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भी थे जबकि सांसद रामटहल चौधरी थे और कांके के विधायक जीतू चरण राम थे. इस अस्पताल की स्थापना का काम अब भी चल रहा है और इसको पूर्वोत्तर भारत के लिए कैंसर का बड़ा अस्पताल भी माना जा रहा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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