राजमहल/मंगलहाट. गर्मी आते ही राजमहल प्रखंड क्षेत्र के कसवां पचायत गढ़तलाब गांव के ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. बुधवार को गांव की महिलाएं सीमा देवी, रूबी देवी, रूदन देवी, फूलन कुमारी, चरिया वेवा, सोविता चौधरी, लखी देवी, फूलो वेवा, श्रीमती वेवा, कोलो देवी, रीता देवी, संजीव बिन, परमानंद मंडल, बच्चन मंडल समेत गांव की कई महिलाओं एवं पुरुषों ने पेयजल की समस्या पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गांव में करीब 100 परिवारों के लगभग 500 से अधिक की आबादी के लिए वर्तमान में चार चापानल और चार कुआं भी है. लेकिन कुआं का पानी भी सूख रहा है. तीन चापानल है लेकिन सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है. फिलहाल गांव में प्यास बुझाने के लिए अगल-बगल पड़ोसियों के घरों से पानी लाकर लोग अपनी प्यास को बुझा रहे हैं. ग्रामीणों को पेयजल के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. घर के अगल-बगल के बने तालाब व पोखर के पानी से दिनचर्या कार्य में लाते हैं. वह भी धीरे-धीरे गर्मी के कारण सूखते जा रहे हैं. सरकार लोगों तक पेयजल आपूर्ति के लिए हर घर नल जल योजना के दावे कर रही है लेकिन धरातल तो कुछ और ही बता रही है. अभी तक इस गांव में हर घर जल नल योजना का लाभ नहीं मिला है. पूर्व विधायक द्वारा गांव में दो जलमीनार निर्माण कार्य बंद है. अगर समय रहते निर्माण कर दी जाए तो पेयजल की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी. हालांकि वर्तमान विधायक द्वारा भी दो चापानल का निर्माण कार्य प्रगति पर है. ग्रामीणों ने विभाग एवं जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि अधूरे कार्य एवं खराब पड़े हुए चापानल की जल्द से जल्द मरम्मत कर कार्य को पूर्ण करा दिया जाए, जिससे ग्रामीणों की पेयजल की समस्या दूर हो सके. उधर, ग्रामीणों की शिकायत पर मुखिया रोज मेरी बास्की तत्काल व्यवस्था के तहत पंचायत भवन में बने बोरिंग से पेयजल उपलब्ध करा रही हैं.
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