संवाददाता, साहिबगंज. साहिबगंज में एक संग्रहालय की आवश्यकता पर बल देते हुए भूवैज्ञानिक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि क्षेत्र में मिलने वाली प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए म्यूजियम जरूरी है. उन्होंने बताया कि हाल ही में बरहरवा के बेलडांगा गांव में 11वीं शताब्दी की पाल वंश कालीन मां चामुंडा की मूर्ति प्राप्त हुई है, जिसे संग्रहित किया जाना चाहिए. इसके पूर्व भी सकरीगली और सकरुगढ़ मोहल्ला सहित अन्य स्थानों से कई प्राचीन कलाकृतियां मिली हैं, जिन्हें उचित संरक्षण नहीं मिल सका. कुछ कलाकृतियां फिलहाल पटना म्यूजियम में कहलगांव के नाम से रखी गई हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि साहिबगंज ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा है और यह क्षेत्र पुरातत्व विभाग के लिए खजाना साबित हो सकता है. संग्रहालय की स्थापना से न केवल धरोहरों का संरक्षण होगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. मंगलवार को उन्होंने बेलडांगा गांव पहुंचकर मां चामुंडा की प्रतिमा का अवलोकन किया.
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