राजमहल/मंगलहाट. रथयात्रा से 15 दिन पहले महाप्रभु भगवान जगन्नाथ शीतल जल से 11 जून को स्नान करेंगे. इसके बाद उपस्थित श्रद्धालु महाप्रभु का अभिषेक कर सकेंगे. कन्हैयास्थान स्थित कन्हाई नाट्यशाला (इस्कॉन) मंदिर के एक कृष्ण भक्त रवींद्र कर्मकार व उनकी पत्नी दुर्गी देवी अपने आवास मुन्नापटाल गांव स्थित जगन्नाथ धाम में पिछले सात वर्षों से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा व पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. कहा जाता है कि भक्त ने अपने सपनों में देखा था, तब से अपने सपने को साकार करने में लगे हैं. मुन्नापटाल गांव स्थित जगन्नाथ धाम से स्नान यात्रा को लेकर जबरदस्त तैयारी शुरू हो गयी है. 11 जून को उत्तरवाहिनी गंगा नदी से श्रद्धालुओं द्वारा विधि-विधान के साथ 108 कलश गंगाजल भर कर धाम पहुंचने के उपरांत स्नान कराएंगे. इसके दूसरे दिन से भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं. भगवान जगन्नाथ भक्तों को गजवेश में दर्शन देंगे और 27 जून को स्वस्थ होने के बाद रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे. मुन्नापटाल जगन्नाथ धाम से रथयात्रा निकालते हुए तालझारी में समापन होगा. भक्त रवींद्र कर्मकार व पत्नी दुर्गी देवी ने बताया कि इस दिन भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा को विशेष आवास में बने मंदिर व जगन्नाथ धाम में सिंहासन पर बैठाया जाएगा. इसके बाद भगवान को दूध, दही, गंगाजल, मक्खन, फल-फूल व अन्य सामग्री से महाअभिषेक शुरू होगा. भक्त अपने हाथों से भगवान को शीतल जल से स्नान कराएंगे. सुबह से स्नान का सिलसिला चलेगा. इसके बाद भगवान का गजवेश रूप में दिव्य श्रृंगार होगा. पूजा-अर्चना भजन-कीर्तन व आरती के उपरांत छप्पन भोग लगाकर भगवान को मंदिर में विराजित किया जाएगा. महोत्सव में शामिल होने वाले भक्तों को महाप्रसाद का वितरण भी होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है