बरहरवा. प्रखंड की कालू पंचायत अंतर्गत कालू गांव में डायरिया से दर्जनों लोग आक्रांत है. सूचना मिलते ही बुधवार को एमओआइसी डॉ पंकज कर्मकार के निर्देश पर बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की दो टीमों की ओर से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान शिविर की अगुआई डॉ दीपक कुमार के नेतृत्व में की गई. जिसमें एएनएम आयशा प्रवीण, मन्दाकिनी हांसदा, सीएचओ अर्चना कुजूर एमपीडब्ल्यू ललित कुमार, स्वास्थ्य कार्यकर्ता जयदेव, बीटीटी श्रवण सोरेन, बीपीएम दिनेश कुमार शामिल रहे. टीम के द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गयी. जिसमें स्वास्थ्य टीमों द्वारा सबसे अधिक प्रभावित टोले एवं घरों की मैपिंग कर लोगों की प्राथमिक जांच की गई. क्रम में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के दौरान दोनों टीमों द्वारा लगभग 200 ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की गयी. लोगों को आवश्यकतानुसार रोगियों को ओआरएस, जिंक टैबलेट्स, जीवनरक्षक दवाइयाँ, पेरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, तथा हाथ धोने का साबुन प्रदान किया गया. इसके अलावे गांव में स्वच्छता एवं जन-जागरूकता अभियान चलाया गया. लोगों को साफ-सफाई, उबला हुआ पानी पीने, खाना पकाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोने की विधि, शौचालय उपयोग तथा डायरिया के लक्षण दिखने पर त्वरित चिकित्सकीय परामर्श लेने के लिए जागरूक किया गया. जानकारी के अनुसार कालू गांव में एक व्यक्ति की मौत डायरिया के लक्षण के बाद हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि वह व्यक्ति कुछ दिनों से डायरिया से पीड़ित था लेकिन उसका इलाज पश्चिम बंगाल के एक निजी नर्सिंग होम में भी चल रहा था हालांकि उसकी मौत कैसे हुई इसकी जानकारी नहीं है. दो डायरिया के लक्षण वाले मरीजों का इलाज पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में चल रहा है. बरहरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक डायरिया से किसी की मौत की सूचना प्राप्त नहीं है. हालांकि डायरिया बीमारी की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टीम लगाकर लोगों की जांच की गई है. प्रखंड की कालू पंचायत अंतर्गत कालू गांव में डायरिया से दर्जनों लोग आक्रांत है. सूचना मिलते ही बुधवार को एमओआइसी डॉ पंकज कर्मकार के निर्देश पर बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की दो टीमों की ओर से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान शिविर की अगुआई डॉ दीपक कुमार के नेतृत्व में की गई. जिसमें एएनएम आयशा प्रवीण, मन्दाकिनी हांसदा, सीएचओ अर्चना कुजूर एमपीडब्ल्यू ललित कुमार, स्वास्थ्य कार्यकर्ता जयदेव, बीटीटी श्रवण सोरेन, बीपीएम दिनेश कुमार शामिल रहे. टीम के द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गयी. जिसमें स्वास्थ्य टीमों द्वारा सबसे अधिक प्रभावित टोले एवं घरों की मैपिंग कर लोगों की प्राथमिक जांच की गई. क्रम में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के दौरान दोनों टीमों द्वारा लगभग 200 ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की गयी. लोगों को आवश्यकतानुसार रोगियों को ओआरएस, जिंक टैबलेट्स, जीवनरक्षक दवाइयाँ, पेरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, तथा हाथ धोने का साबुन प्रदान किया गया. इसके अलावे गांव में स्वच्छता एवं जन-जागरूकता अभियान चलाया गया. लोगों को साफ-सफाई, उबला हुआ पानी पीने, खाना पकाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोने की विधि, शौचालय उपयोग तथा डायरिया के लक्षण दिखने पर त्वरित चिकित्सकीय परामर्श लेने के लिए जागरूक किया गया. जानकारी के अनुसार कालू गांव में एक व्यक्ति की मौत डायरिया के लक्षण के बाद हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि वह व्यक्ति कुछ दिनों से डायरिया से पीड़ित था लेकिन उसका इलाज पश्चिम बंगाल के एक निजी नर्सिंग होम में भी चल रहा था हालांकि उसकी मौत कैसे हुई इसकी जानकारी नहीं है. दो डायरिया के लक्षण वाले मरीजों का इलाज पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में चल रहा है. बरहरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक डायरिया से किसी की मौत की सूचना प्राप्त नहीं है. हालांकि डायरिया बीमारी की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टीम लगाकर लोगों की जांच की गई है.
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