साहिबगंज.राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अखिल कुमार ने शुक्रवार को मंडल कारा का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने विभिन्न बैरकों का दौरा कर बंदियों से संवाद किया. उनकी समस्याएं सुनी. इस दौरान न्यायाधीश ने बंदियों से उनके स्वास्थ्य, इलाज, पेयजल, भोजन की व्यवस्था तथा मुकदमों में पैरवी के लिए अधिवक्ता की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त की. कहा कि जिन बंदियों के केस में जमानत या अपील दायर नहीं की गयी है या अधिवक्ता नहीं रख सकते हैं, उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता की सेवा प्रदान कर उचित कानूनी सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने जेल परिसर, विशेषकर शौचालयों की सफाई को लेकर आवश्यक निर्देश दिया. बीमार बंदियों के लिए बेहतर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित के लिए कारा कर्मियों को दिशा-निर्देश दिया. न्यायाधीश ने महिला बैरक जाकर महिला बंदियों से मुलाकात की और उनकी समस्या सुनी. जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि प्रेणादायक, शिक्षापरक रोजगारपरक शिविरों का आयोजन कर बंदियों को प्रशिक्षण दिया जाये. ताकि वे अपराध की दुनिया को छोड़ कर जेल से बाहर निकलने के बाद आत्मनिर्भर बन सकें. न्यायाधीश ने पुस्तकालय, रसोईघर, भोजन की गुणवत्ता समेत जेल में उपलब्ध अन्य सुविधाओं का भी जायजा लिया. कहा कि जेल मैनुअल के तहत मिलनेवाली सभी सुविधाएं बंदियों को उपलब्ध करायी जाये. इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए. उन्होंने बंदियों से कहा कि आप सभी किसी न किसी अपराध के आरोप में जेल में हैं, लेकिन यह आपके जीवन का अंत नहीं है. आत्मचिंतन करें. अपने जीवन में सुधार लायें और समाज में जिम्मेदार नागरिक के रूप में लौटे. न्यायाधीश ने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि वे बंदियों को मानसिक और नैतिक सुधार की दिशा में प्रेरित करें. मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव विश्वनाथ भगत, कारा अधीक्षक चंद्रशेखर सुमन, जेलर मनोज मुर्मू, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल अरविंद गोयल और उनकी टीम व अन्य मौजूद थे.
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