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मिर्जाचौकी: सड़क किनारे जगह-जगह सूखे पेड़, हादसे का बना रहता है खतरा

मिर्जाचौकी: सड़क किनारे जगह-जगह सूखे पेड़, हादसे का बना रहता है खतरा

गुडडू रजक, मंडरो. मिर्जाचौकी से मंडरो प्रखंड मुख्यालय तक जाने वाली पीडब्ल्यूडी मुख्य सड़क के किनारे कई पेड़ सूख चुके हैं और कई जर्जर अवस्था में हैं, जो राहगीरों और वाहन चालकों के लिए खतरा बने हुए हैं. ये पेड़ कभी भी गिर सकते हैं और किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. कुछ स्थानों पर पेड़ आधे टूटकर लटके हुए हैं, तो कहीं सूखे पेड़ों की टहनियां समय-समय पर टूटकर गिरती रहती हैं, जिससे हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. 20 मई, सोमवार को मिर्जाचौकी रेलवे फाटक के समीप सड़क किनारे स्थित वैष्णवी टी स्टॉल पर एक शीशम का पेड़ गिर गया था, जिससे दुकान का काफी नुकसान हुआ. हालांकि, सौभाग्यवश कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ. दुकान संचालक टिंकू कुमार ने वन विभाग से अपील की है कि सड़क किनारे जहां भी सूखे या झुके हुए पेड़ हैं, उन्हें तुरंत काटकर हटाया जाए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके. साहिबगंज जिले में लगभग सभी प्रखंड मुख्यालयों तक जाने वाले मार्गों पर पेड़ों की यह स्थिति देखने को मिल रही है. तेज आंधी या बारिश में तो ये पेड़ गिरते ही हैं, लेकिन अब यह खतरा सामान्य मौसम में भी बना रहता है. यदि किसी राहगीर या वाहन पर अचानक पेड़ गिर जाए, तो जानमाल की क्षति होना तय है. इसीलिए वन विभाग को शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए. सड़क किनारे सूखे पेड़ कहां-कहां हैं साहिबगंज जिले के सदर, तालझारी, राजमहल, उधवा, बड़हरवा, पतना, बरहेट, बोरियो और मंडरो प्रखंडों में कई स्थानों पर सूखे पेड़ अब भी खड़े हैं. मिर्जाचौकी से साहिबगंज तक एनएच-80 के किनारे फौजदारी मोड़, हाजीपुर, राजगांव, डिहारी, पटवर टोला होते हुए महादेवगंज और साहिबगंज नगर परिषद चेक पोस्ट तक, वहीं मिर्जाचौकी रेलवे फाटक से निमगाछी गांव, किर्तनीयां, उपरबंधा, भगैया, तेतरिया, मंडरो, बुधवाचक होते हुए बोआरीजोर तक जाने वाली पीडब्ल्यूडी मुख्य सड़क पर भी कई स्थानों पर सूखे पेड़ मौजूद हैं जिन्हें हटाने की अत्यंत आवश्यकता है. मिर्जाचौकी के आशीष कुमार सोनी, मनीष कुमार महतो, टिंकू कुमार सिंह, दीपक कुमार और मुकेश कुमार सहित दर्जनों लोगों ने वन विभाग से मांग की है कि सड़क किनारे जितने भी सूखे और झुके हुए पेड़ हैं, उन्हें हटाया जाए. क्या कहते हैं डीएफओ यदि कोई पेड़ सड़ गया है या सूख गया है और वह आपदा का कारण बन सकता है, तो वन विभाग की अनुमति लेकर उसकी टहनियों को काटा जा सकता है. यदि पेड़ जीवित है, तो उसे हटाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया से गुजरना होगा. बिजली विभाग भी अपने मेंटेनेंस कार्य के दौरान आपदा से बचने के लिए टहनियां काटता है. प्रबल कुमार गर्ग, वन प्रमंडल पदाधिकारी

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