साहिबगंज. झारखंड राज्य भाषा साहित्य अकादमी के तत्वावधान में संताली भाषा साहित्य की पत्रिका तोड़े सुत़ाम का लोकार्पण प्रगति भवन के सभागार में संपन्न हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ अमर शहीद सिदो-कान्हू के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ. इस दौरान अतिथि विश्व भारती शांतिनिकेतन (पश्चिम बंगाल) के संताली विभागाध्यक्ष दुखिया टुडू, गोड्डा कॉलेज के संताली विभागाध्यक्ष डॉ प्रद्रीनाथ हांसदा, दरकू हांसदा महाविद्यालय मल्लारपुर (पश्चिम बंगाल) के संताली विभागाध्यक्ष डॉ गोपीनाथ टुडू, जुरी तिरिया के संपादक साइमन हांसदा को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ सह संस्थापक अध्यक्ष झारखंड राजभाषा साहित्य अकादमी को अंग वस्त्र एवं पुस्तक प्रदान किया. पत्रिका का लोकार्पण विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के कुलाधिपति डॉ रामजन्म मिश्र, दुखिया टुडू, डॉक्टर प्रदीनाथ हांसदा, डॉ सच्चिदानंद, डॉक्टर गोपी चंद्र टुडू, साइमन हांसदा ने समवेत रूप से किया. अपने संबोधन में डॉक्टर दुखिया टुडू ने कहा कि तोड़े सुदाम पत्रिका संताली भाषा साहित्य संस्कृति के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रही है. तोड़े सुताम पत्रिका संताली साहित्य, समाज, संस्कृति का दर्पण है. पत्रिका के संपादक डॉ प्रदीनाथ हांसदा ने कहा कि तोड़े सुताम संताली भाषा साहित्य की गंभीर पत्रिकाएं है. यह नवोदित रचनाकारों का समर्थ और सार्थक मंच प्रदान कर रही है. इस पत्रिका की गुणवत्ता के बल पर यूजीसी के जनरल में इसका नाम दर्ज है. डॉ रामजन्म मिश्र ने कहा कि तोड़े सुताम संताली साहित्य की पत्रिका है. इसका नाम संताली के प्रसिद्ध साहित्यकार नारायण सोरेन तोड़े सुताम के नाम पर रखा गया है. नारायण सोरेन कोटालपोखर के रहने वाले थे. यह पत्रिका शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है. इस अवसर पर संताली भाषा साहित्य के उभरती रचनाकार शुभ्रासंतोषी मुर्मू को डॉ रामजन्म मिश्र ने बाबूलाल मुर्मू आदिवासी कथा सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सच्चिदानंद झारखंड राजभाषा साहित्य अकादमी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विमल मुर्मू ने किया. इस अवसर पर सुहागिन टुडू ,आर्यन हांसदा, मनोज मुर्मू, चायपुर, मंजू कुमार सोरेन मुख्य रूप से उपस्थित थे.
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