साहिबगंज. खाद्य सामग्रियों में मिलावटी और केमिकल के कारण लोगों के स्वास्थ्य पड़ रहे प्रतिकूल असर को देखते हुए कृषि विभाग ने केमिकल रहित खेती पर जोर दिया है. राज्य में 12 जिलाें का चयन किया गया है. इसमें साहिबगंज जिला भी शामिल है. जिले के नौ क्लस्टर के माध्यम से जिले में केमिकल रहित खेती यानी प्राकृतिक खेती करने के लिए किसानों को हरसंभव सहायता देने के लिए राज्य सरकार योजना बनायी है. बिना केमिकल के खेती की जायेगी. अनाज में पौष्टिकता और शुद्धता शत-प्रतिशत बना रहे. इसके लिए सरकार ने कृषि विभाग के एजेंसी ऑफ आज के माध्यम से 11000 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. राज्य सरकार पायलट योजना के तहत 12 जिलों के 4400 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती नेचुरल फार्मिंग करावेगी. योजना की सफलता में कुछ समय लगेगा. वैज्ञानिकों के अनुसार तीन वर्षों के बाद क्षेत्र में केमिकल रहित अनाज मिलना शुरू हो जायेगा. इस योजना में कृषि सखी का भी सहयोग लिया जायेगा. कृषि सखी की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए प्रशिक्षित किया जायेगा. दो कृषि सखी करीब 125 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए तैयार करेगी. इसमें कम से कम 50 हेक्टेयर एरिया होना चाहिए. कृषि सखी प्रमंडलस्तरीय कमेटी आत्मा के साथ मिलकर स्वयं सहायता समूह आंगनबाड़ी ग्राम सभा की बैठक आयोजित करेगी. इसको प्राकृतिक खेती के बारे में बताया जायेगा. इसके फायदे से भी बताये जायेंगे. इसमें सरकार से मिलने वाले सहयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी जायेगी. खासकर महिलाओं को कृषि सखी बनाया जायेगा. कम से कम एक साल प्रकृति खेती का अनुभव होना चाहिए. क्षेत्र के लिए कृषि सखी का चुनाव होगा. क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी साहिबगंज में 49000 हेक्टेयर जमीन में खेती की जाती है. निश्चित रूप से साहिबगंज प्राकृतिक क्षेत्र की गोद में बसा है .यहां खेती करना काफी आसान है. इसलिए राज्य सरकार ने साहिबगंज का चयन प्राकृतिक खेती के लिए किया है. साहिबगंज में नौ क्लस्टर का निर्माण कराया जा रहा है. प्राकृतिक खेती से उपजाये गये अनाज केमिकल रहित होता है. प्रमोद कुमार एक्का, जिला कृषि पदाधिकारी
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