साहिबगंज.हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्ष पूरा होने पर शुक्रवार को एनआरईपी सेंटर के सभागार में विचार गोष्ठी हुई. अध्यक्षता एनआरइपी विद्यालय के निदेशक सह प्राचार्य मनोज कुमार झा ने की. शुभारंभ पत्रकारिता के शिखर पुरुष जुगल किशोर शुक्ल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गयी. पर्यावरणविद् नवल किशोर झा ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता आज अपने 200 वर्ष में प्रवेश कर रही है, जिसका श्रेय पंडित जुगल किशोर शुक्ल को है. जिन्होंने 30 मई 1826 को कलकत्ता आज के कोलकाता में “उदंत मार्तण्ड ” का प्रकाशन शुरू किया था. हिंदी के पहले साप्ताहिक पत्र के प्रकाशक आदि संपादक पं जुगल किशोर शुक्ल थे. उनके पत्र का नाम उदंत मार्तंड था. हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में उदंत मार्तंड का अपना विशिष्ट स्थान रहा है. राजभाषा साहित्य अकादमी के सचिव डॉ सच्चिदानंद ने कहा हिंदी पत्रकारिता ने 200 वर्षों का सफर पूरा किया. 200 वर्षों में अंग्रेजी शासकों के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम और नए भारत के निर्माण में समाचार पत्र की अग्रणी भूमिका रही है. समाचार पत्रों के संपादकों ने अंग्रेजी शासकों की प्रताड़ना के बाद भी पत्रकारिता की साख और गरिमा को बनाए रखा, जो आज भी जारी है. निदेशक सह प्रधानाचार्य मनोज कुमार झा ने कहा की उदंत मार्तंड के नियमित प्रकाशित करने में संपादक शुक्ल जी को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. मौके पर कुमारी गरिमा, वासुकी साह, सचिव पूर्व वार्ड पार्षद उपेंद्र राय, सुधा आनंद अशोक कुमार तांती, धीरेंद्र राम, सुधीर पासवान, हेमंत ताती, अंकित पांडे आदि मौजूद थे.
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