प्रतिनिधि, साहिबगंज बीएड कॉलेजों की विभिन्न समस्याओं को लेकर बीएड कॉलेज शिक्षक संघ और राज्य के अन्य बीएड कॉलेजों के प्रोफेसरों ने विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, राजमहल सांसद विजय हांसदा, पाकुड़ विधायक निशात आलम, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल कुमार पुरवार, और तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक रामनिवास यादव सहित बाबुलाल मरांडी को ज्ञापन सौंपा. शिक्षकों ने एनसीटीई के मानकों का पालन न होने के कारण साहिबगंज और गोड्डा बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द होने की चिंता व्यक्त की है. बीएड के प्रोफेसर रविंद्र प्रसाद और नितिन घोष ने कहा कि सरकार को एनसीटीई के मानकों को लागू करने के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों पर सख्ती से अमल करवाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े. उन्होंने मांग की कि राज्य में पिछले 20 वर्षों से संचालित 23 अंगीभूत महाविद्यालयों के बीएड कोर्स को स्व- वित्त पोषित से हटाकर राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाए, जिससे बीएड के शिक्षण शुल्क में कमी आए और गरीब परिवारों के छात्र आसानी से शिक्षक बन सकें. इसके अलावा, बीएड पाठ्यक्रम में पढ़ाने वाले प्राध्यापकों और कर्मचारियों के लिए सेवा शर्तों की नियमावली बनाई जाये. उन्हें यह भी सलाह दी गई कि सभी अंगीभूत महाविद्यालयों के बीएड विभाग में जमा लगभग डेढ़ अरब रुपए का सरकार द्वारा अंकेक्षण किया जाए, ताकि महाविद्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पैसे के दुरुपयोग को रोका जा सके और इसका सदुपयोग हो सके. इन सभी मांगों को लेकर ज्ञापन प्रस्तुत किये गये.
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