बोरियो. प्रखंड मुख्यालय से 10 किमी दूर बसे पहाड़िया आदिम जनजाति गांव चतरा धोगड़ा में ग्राम प्रधान मैसा पहाड़िया की अध्यक्षता में प्रभात संवाद का आयोजन किया गया. इसमें पहाड़िया समाज के बुद्धिजीवी व युवा शामिल हुए. लोगों ने जनसमस्याओं पर चर्चा करते हुए सड़क और पानी की समुचित व्यवस्था, बेहतर शिक्षा, सुदृढ़ स्वास्थ्य व्यवस्था व रोजगार उपलब्ध कराने की मांगें रखी. लोगों ने बारी-बारी से विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया. कहा क्षेत्र में रोजगार नहीं होने से लोग पलायन करने को विवश हैं. धोगड़ा में 30 से अधिक पहाड़िया परिवार हैं. गांव में पेयजल की व्यवस्था नहीं है. पीने लायक पानी के लिए लोगों को पहाड़ के नीचे उतरना पड़ता है. बारिश में परेशानी होती है. धोगड़ा तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. लोग पहाड़ी रास्ते में लंबी चढ़ान चढ़कर गांव पहुंचते हैं. गांव तक चारपहिया वाहन नहीं पहुंच पाता है. बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पाती है. वहीं पहाड़िया युवकों ने खेलकूद को स्वास्थ्य जीवन का अहम हिस्सा बताते हुए खेल मैदान की मांग रखी. पहाड़िया बच्चों की पढ़ाई के लिए धोगड़ा गांव में संचालित आदिम जनजाति विद्यालय में शिक्षक होने से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. लोगों ने विद्यालय में शिक्षक की मांग की, जबकि सरकार की आवास योजना से वंचित लोगों ने आवास की मांग की. संवाद कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन बोरियो प्रतिनिधि सोनू ठाकुर ने किया.
क्या कहते हैं ग्रामीण
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कैप्सन – रविवार को विनेश मालतो
धोगड़ा गांव में दर्जनों युवा हैं. सभी खेलकूद में रुचि रखते हैं. पर गांव में खेल मैदान और संसाधन की कमी से युवा वर्ग खेलकूद से वंचित रहते हैं. इसके माध्यम से कैरियर संवार सकते हैं. पहल हो.
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कैप्सन – सुमन मालतोसुमन मालतो
फोटो नं 18 एसबीजी 13 हैकैप्सन – रविवार को बुद्धिनाथ पहाडिया
गांव में लोग बीमार या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल पैदल ले जाना होता हैं. गांव तक सड़क की व्यवस्था नहीं होने से एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. जाने-आने के लिए सड़क का निर्माण हो.
बुद्धिनाथ पहाड़ियाफोटो नं 18 एसबीजी 14 है
कैप्सन – शांतू पहाड़िया धोगड़ा में पेयजल की व्यवस्था नहीं है. लोग पीने लायक पानी के लिए पहाड़ से नीचे उतरते हैं. तब लोगों को पेयजल उपलब्ध हो पाता है. बारिश में रास्तों से नीचे उतरने में परेशानी होती है.शान्तु पहाड़िया
फोटो नं 18 एसबीजी 15 हैकैप्सन -रामजी पहाडिया
पहाड़िया आदिम जनजाति के विकास के लिए शिक्षा जरूरी है. धोगड़ा में विद्यालय नहीं है. बच्चों को पढ़ने के लिए पहाड़ से नीचे उतरना पड़ता है. अकेले विद्यालय भेजने में परिजनों का भय बना रहता है.
रामजी पहाड़ियाफोटो नं 18 एसबीजी 16 है
कैप्सन – मैसा पहाडिया धोगड़ा में कब्रिस्तान और जाहेर स्थान खुले में है. घेराबंदी नहीं हो सकी है. पहाड़ पर खेती करने से पहले आग लगायी जाती है. आग फैलते हुए कब्रिस्तान और जाहेरस्थान में भी आग लग जाती है.मैसा पहाड़िया
फोटो नं 18 एसबीजी 17 हैकैप्सन. रूपलाल
धोगड़ा गांव में कई लोगों का राशन कार्ड नहीं है. लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. राशन कार्ड नहीं होने से खाद्यान्न आपूर्ति नही हो पाता है. प्रत्येक माह राशन नही मिल पाता है.
रूपलाल पहाड़िया
फोटो नं 18 एसबीजी 18 हैकैप्सन – गुलिया पहाड़िया
गांव में बैठक या विचार-विमर्श के लिए जगह नहीं है. छतदार चबूतरे का निर्माण हो. ताकि ग्रामीण बैठक आदि कर सकेंगे. सामुदायिक भवन का निर्माण भी कराने की पहल होनी चाहिए.
गुलिया पहाड़िया (गोड़ैत)डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है