सरायकेला. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) के तत्वावधान में मंगलवार को किशोर न्याय प्रणाली एवं पॉक्सो अधिनियम पर जिला स्तरीय बहु-हितधारक परामर्श बैठक की गयी. इसमें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमाशंकर सिंह उपस्थित थे. पीडीजे ने पॉक्सो एक्ट के मामलों में पीड़िता के जन्मतिथि के प्रमाण पत्र और किशोर न्याय अधिनियम अंतर्गत अभियुक्त की आयु निर्धारण पर जानकारी दी. पुलिस विभाग की ओर से केस डायरी देर से जमा करने या अधूरी रिपोर्टिंग पर चिंता जतायी. उन्होंने पुलिस से गंभीरता से विचार करने को कहा.
बच्चों से जुड़े मामले में संवेदनशीलता जरूरी:
कार्यक्रम में झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के विकास दोदराजका ने किशोर न्याय प्रणाली, बाल अधिकार, सरकारी योजनाओं और पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किस प्रकार बच्चों से जुड़े व मामलों में संवेदनशीलता और कानूनी समझ जरूरी है. कार्यक्रम को मुख्य विधिक सहायता रक्षा अधिवक्ता दिलिप शॉ ने किशोर न्याय प्रणाली व पॉक्सो अधिनियम पर प्रकाश डाला. उप प्रमुख विधिक सहायता रक्षा अधिवक्ता सुनित कर्मकार, डीएलएसए सचिव तौसीफ मेराज ने किशोर न्याय प्रणाली व पॉक्सो अधिनियम के बारे में बताया. मौके पर डीएसपी मुख्यालय प्रदीप उरांव, बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर के अलावे जिला बाल संरक्षण ईकाई, बाल कल्याण समिति, पीएलवी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है