खरसावां.
सरायकेला-खरसावां जिले में इस साल मॉनसून ज्यादा मेहरबान रहा है. खेती पर इसका विपरीत असर पड़ा है. कृषि विभाग के अनुसार, जिले में एक लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती का लक्ष्य है. अबतक 66,329 हेक्टेयर भूमि पर खेती हुई है. 31 जुलाई तक 66.33 प्रतिशत काम हुआ है. जिला में 73 हजार हेक्टेयर भूमि पर रोपा विधि से धान खेती का लक्ष्य है. इसमें 48,084 हेक्टेयर भूमि पर रोपनी हो सकी है. छींटा विधि से 27 हजार हेक्टेयर भूमि पर लक्ष्य है. इसके विरुद्ध सिर्फ 18245 हेक्टेयर भूमि पर खेती हुई है.तेलहन : लक्ष्य के 11.37 % खेती हुई
जिले में तेलहन के लिए 1390 हेक्टेयर भूमि पर खेती का लक्ष्य था. अबतक केवल 158 हेक्टेयर भूमि पर खेती हुई है. मूंगफली की 500 हेक्टेयर भूमि के विरुद्ध मात्र 130 हेक्टेयर में खेती हुई है. वहीं, 100 हेक्टेयर भूमि पर तिल के खेती की जगह मात्र 28 हेक्टेयर पर हो सकी है. 250 हेक्टेयर सोयाबीन, 100 हेक्टेयर पर सूर्यमुखी, 400 हेक्टेयर पर सरगुजा व 40 हेक्टेयर पर अंडी की खेती की कराने की योजना थी, जो अब तक नहीं हो सकी है.
दलहन : अबतक 42.13 % खेती हो सकी
जिले में दलहन की खेती 42.13 % में हुई है. 34,600 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य है. इसके विरुद्ध अबतक सिर्फ 14,578 हेक्टेयर में खेती हुई है. इसमें अरहर, उड़द व मूंग की खेती करीब 50 फीसदी का आपपास हुई है.
जिले में नहीं हुई मोटे अनाज की खेती
जिला में 990 हेक्टेयर भूमि पर मोटे अनाज की खेती का लक्ष्य था. ज्वार के लिए 150 हेक्टेयर, बाजरा के लिए 40 हेक्टेयर व मड़ुवा की खेती 800 हेक्टेयर भूमि पर खेती का लक्ष्य रखा गया था. मोटे अनाज की खेती नहीं हो पायी है. सिर्फ नौ एकड़ में मड़ुवा की खेती की गयी है.जुलाई में सामान्य से दोगुना बारिश हुई
सरायकेला-खरसावां जिला में जुलाई में सामान्य करीब दो गुना अधिक बारिश हुई है. लगातार बारिश से खेतों में जल भराव है. इसके कारण धान की रोपाई में देरी हुई है. कई किसानों के धान के बिचड़े सड़ गये. खेतों में अधिक जल जमाव के कारण रोपनी कार्य में विलंब हुआ है. पिछले दो-तीन दिनों में बारिश कम होने के साथ कृषि कार्य में तेजी आयी है. जुलाई में सरायकेला-खरसावां जिले की सामान्य बारिश 253 मिमी है. इस वर्ष जुलाई में औसत बारिश 492.2 मिमी दर्ज किया गया है. सरायकेला-खरसावां जिला में कुल बारिश 4429.4 मिमी दर्ज किया गया है.
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