सिमडेगा. सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड के बराइबेड़ा गांव की पूनम देवी की कहानी आज महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है. एक समय था जब वह आर्थिक तंगी के कारण हड़िया दारू बेचने को मजबूर थीं, लेकिन आज वह केक वाली दीदी के नाम से मशहूर हैं. पूनम ने अपनी मेहनत और लगन से बेकरी व्यवसाय खड़ा कर न सिर्फ खुद को सशक्त बनाया, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी एक नयी राह दिखायी.
महिला समूह से मिली नयी राह
इंटर तक पढ़ी-लिखी पूनम ने पहले जलडेगा के सरस्वती कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर से कंप्यूटर शिक्षा पूरी की. इसके बाद वे शिव आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं. समूह ने उन्हें डेढ़ लाख रुपये का ऋण दिया, जिससे उन्होंने पंजाब से बेकरी की मशीनें खरीद कर गांव में ही बेकरी फॉर्म शुरू किया.
20 दुकानों में करती हैं सप्लाई, पांच लोगों को दी नौकरी : पूनम अब केक, क्रीम बन्स, ब्रेड, कचौड़ी जैसे उत्पाद तैयार कर स्थानीय बाजारों और दुकानों में सप्लाई करती हैं. वे करीब 20 दुकानों में माल पहुंचाती हैं और हर दिन करीब एक हजार रुपये की आमदनी करती हैं. इतना ही नहीं, अपने फॉर्म में उन्होंने पांच अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है.लीड्स संस्था की सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी हैं सक्रिय
पिछले सात साल की मेहनत से पूनम की आर्थिक स्थिति अब सुदृढ़ हो चुकी है. वे न केवल खुद आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि समूह की अन्य महिलाओं को भी जैविक खेती और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें जागरूक कर रही हैं. लीड्स संस्था की सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी पूनम सक्रिय हैं. उनकी कृषि में रुचि को देखते हुए संस्था ने उन्हें एक एकड़ जमीन में लगाने के लिए आम के पौधे दिये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है