सिमडेगा. उपायुक्त अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक कर जलछाजन कार्यक्रम अंतर्गत चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गयी. बैठक में जल जीवन व आजीविका योजना के अंतर्गत संचालित कार्यों की जानकारी उपायुक्त ने ली. उपायुक्त ने कहा कि जल स्तर में गिरावट एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसे रोकने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिल कर काम करना होगा. उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से बैठक का आयोजन कर आपसी समन्वय से प्रत्येक गांव पंचायत के लिए जल संचयन से संबंधित विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया. कहा कि जल संचयन के लिए चेक डैम, तालाबों का निर्माण, खेतों में मेढबंदी, पौधरोपण और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे उपायों को प्राथमिकता दी जाये. साथ ही सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देते हुए ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जाये. निर्णय लिया गया कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता व गुणवत्ता सुनिश्चित की जायेगी और समय-समय पर प्रगति की समीक्षा की जायेगी. उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से कहा कि वह जल संचयन को जन आंदोलन बनायें, ताकि आनेवाले वर्षों में भूमिगत जल स्तर में सुधार हो सके. उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में फंड की कमी होगी, तो उसे मनरेगा से लिया जायेगा. बैठक में उपविकास आयुक्त संदीप कुमार दोराईबुरु, जिला तकनीकी विशेषज्ञ सुभाष कुमार समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. इधर, उपायुक्त अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में जिले में चल रही जल आपूर्ति एवं स्वच्छता से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की गयी तथा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये. उपायुक्त ने प्रखंड स्तर पर गृह जल संयोजन की स्थिति की समीक्षा करते हुए कई निर्देश दिये. स्वच्छ भारत मिशन फेज- 2 के तहत स्वच्छता गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि शौचालय निर्माण, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा जनजागरूकता कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से लागू करें.
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