सिमडेगा. जिला खनन फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) की प्रबंध समिति की बैठक उपायुक्त कंचन सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में डीएमएफटी मद अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गयी. मौके पर उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वह अपर समाहर्ता व अंचल अधिकारियों के सहयोग से खनन क्षेत्र के आसपास के गांवों और वहां की आबादी पर खनन गतिविधियों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभाव का आकलन करें. उन्होंने डीएमएफटी कोष में रॉयल्टी शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने तथा मनरेगा योजनाओं में प्रयुक्त पत्थरों की रॉयल्टी एजेंसियों से वसूल कर जमा करने का निर्देश दिया. जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में डीएमएफटी अंतर्गत कुल 51 योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं, जिसमें कई योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है. उपायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वीकृत योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करें, ताकि खनन प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का लाभ शीघ्र उपलब्ध हो सके. समीक्षा में उपायुक्त ने सिविल सर्जन को जिला अस्पताल के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन व पोर्टेबल नेत्र ऑपरेटिंग सर्जिकल माइक्रोस्कोप की शीघ्र खरीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. पुलिस अधीक्षक ने जिले में स्टोन माइनिंग के लिए नये स्थान का चयन करने का सुझाव दिया. बैठक में संबंधित विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और अपने-अपने क्षेत्रों की योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी. उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि डीएमएफटी मद की राशि का सदुपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए किया जाना चाहिए. बैठक में एसपी एम अर्शी, वन प्रमंडल पदाधिकारी शशांक शेखर सिंह, उपविकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, सिविल सर्जन डॉ सुंदर मोहन सामद, जिला खनन पदाधिकारी, जिला नियोजन पदाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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