सिमडेगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से गरीब, असहाय और अनाथ बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के उद्देश्य से साथी नामक अभियान की शुरुआत की गयी है. यह पहल नालसा द्वारा संविधान में प्रदत्त समान न्याय के अधिकार को साकार करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. अभियान का उद्देश्य ऐसे बच्चों को कानूनी पहचान दिला कर उन्हें सामाजिक कल्याण सेवाओं से जोड़ना है. प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने जानकारी दी कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य सभी सरकारी लाभों का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है. इसके अभाव में बच्चे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं. उन्होंने बताया कि 26 जून तक जिले में आधार कार्ड रहित असहाय व अनाथ बच्चों की पहचान और सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जा चुका है. सचिव ने बताया कि अब पांच अगस्त तक विभिन्न स्थानों पर शिविर लगा कर इन बच्चों का आधार कार्ड बनवाया जायेगा. इसके लिए जिला साथी कमेटी का गठन किया गया है, जो प्रखंड स्तर पर सर्वेक्षण और पहचान का कार्य कर रही है. यदि कोई जरूरतमंद बच्चे इस प्रक्रिया से छूट गये हैं, तो उनके परिजन या सहयोगी सीधे जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि जिले के सभी आधार सेवा केंद्रों पर मंगलवार व शुक्रवार को विशेष शिविर आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें चिन्हित बच्चों का आधार पंजीकरण किया जा रहा है. अब तक 14 असहाय, अनाथ और लाचार बच्चों का आधार पंजीयन प्राधिकार द्वारा कराया जा चुका है. सचिव ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि यदि उनके आसपास कोई ऐसा बच्चा है, जिसका अब तक आधार कार्ड नहीं बना है, तो उसकी जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार को अवश्य दें, ताकि उसे भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी