कोलेबिरा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलेबिरा परिसर में पुराने भवन को विभाग द्वारा जर्जर घोषित कर ध्वस्त किया जा रहा है, ताकि वहां नये भवन का निर्माण किया जा सके. इधर, भवन से निकलने वाले सरिया, बोल्डर समेत अन्य मूल्यवान सामानों को कुछ लोग ट्रैक्टर से उठाकर ले जा रहे हैं, वह भी बिना किसी अनुमति के. ज्ञात हो कि सरकारी संपत्ति जब कंडम घोषित की जाती है, तो उसे विभागीय प्रक्रिया के तहत निविदा जारी कर नीलामी की जाती है. इसके बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस ओर कोई पहल नहीं की गयी है. परिणामस्वरूप कुछ लोग खुलेआम ट्रैक्टर में लाद कर सामान ढो कर ले जा रहे हैं, और विभाग मूकदर्शक बना है. स्थानीय ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आम नागरिक अगर गलती से कोई सरकारी सामान उठाता है, तो उस पर मामला दर्ज कर दिया जाता है, लेकिन यहां सरकारी संपत्ति खुलेआम उठायी जा रही है और कोई रोक-टोक नहीं हो रहा. इस मामले में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ केके शर्मा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि भवन तोड़ा जा रहा है, लेकिन निकले सामानों के विषय में क्या करना है, यह इंजीनियर ही बता सकते हैं. वहीं भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रशासन को ही तय करना है कि निकले सामानों का क्या करना है. सांसद प्रतिनिधि सुनील खड़िया ने कहा कि भवन से निकलने वाला हर सामान सरकारी संपत्ति है और उसे कोई भी अपने स्वार्थ में उपयोग नहीं कर सकता. कोलेबिरा प्रखंड प्रमुख सह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने भी कहा कि बिना अनुमति के कोई भी सरकारी संपत्ति नहीं उठायी जा सकती. बीडीओ वीरेंद्र किंडो ने स्पष्ट किया कि भवन से निकले सामानों की विभागीय नीलामी होनी चाहिए और बिना सरकारी अनुमति के उनकी ढुलाई पूरी तरह अवैध है.
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