कुरडेग. कुरडेग प्रखंड के बड़की बिउरा से रावणखोता जाने वाली जर्जर सड़क की मरम्मत ग्रामीणों ने श्रमदान कर की है. वर्षों से प्रशासनिक उपेक्षा झेल रहे ग्रामीणों ने आखिरकार खुद हाथ में कुदाल, गैंती और गेरूआभार लेकर तीन किमी लंबी सड़क को चलने लायक बना दिया. इस रास्ते का उपयोग रावणखोता, सराइपानी समेत कई गांवों के लोग करते हैं. हालांकि रावणखोता गांव तक एक वैकल्पिक रास्ता लबडेरा होकर भी है, लेकिन वह लगभग पांच किमी लंबा है. यही कारण है कि गरीब और आदिम जनजाति के परिवारों को मुख्यालय तक पहुंचने के लिए पैदल उबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरना पड़ता है. रावणखोता में आदिम जनजाति के 22, अनुसूचित जनजाति के 55 और अन्य समाज के 20 परिवार रहते हैं, जिनके पास वाहन हैं वे लबडेरा होकर मुख्यालय तक पहुंच जाते हैं, लेकिन आदिवासी समुदाय के अधिकांश गरीब परिवारों को बदहाल सड़क से पैदल सफर करना पड़ता है. श्रमदान करने वालों में लालू कोरवा, मनोज मिंज, चुमकू कोरवा, देवचारन कोरवा, श्रवण दास, मासी कोरवा समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल थे.
एक दशक पहले बनी थी ग्रेड-वन सड़क, तब से नहीं हुई मरम्मत
ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क करीब 10 से 12 साल पहले ग्रेड वन के तहत बनायी गयी थी, लेकिन तब से आज तक इसकी मरम्मत नहीं हुई. बारिश में पानी के बहाव से गड्ढे बन गये हैं और सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर व उबड़-खाबड़ सतह के कारण साइकिल चलाना तक मुश्किल हो गया है. प्रशासनिक उपेक्षा से तंग आकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर श्रमदान से सड़क मरम्मत का बीड़ा उठाया. इस कार्य में कोरवा जनजाति के लोगों की सक्रिय भागीदारी रही. तीन किलोमीटर पथ में मिट्टी और मोरम डाल कर उसे आवागमन योग्य बना दिया गया.
अधिकारी बड़कीबिउरा से होकर गांव आते, तो हमारा दर्द समझते : ग्रामीण
दहलू कोरवा ने बताया कि मुख्यालय तक जाने में हमें लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. कई बार अधिकारियों से कहा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. मजबूरी में खुद सड़क बनानी पड़ी. शंकर कोरवा ने कहा कि सड़क में इतने गड्ढे थे कि साइकिल चलाना भी मुश्किल हो गया था. मनसुत कोरवा ने कहा कि अगर अधिकारी बड़कीबिउरा से होकर गांव आते, तो हमारे दर्द को समझते. रामू कोरवा ने कहा कि प्रखंड कार्यालय के लिए हमें रोज इस रास्ते से जाना पड़ता है, लेकिन यह रास्ता बेहद खराब है. मदन कोरवा ने मांग की कि इस रास्ते को प्राथमिकता के आधार पर पीसीसी सड़क बनाया जाये. परमानंद दास ने कहा कि सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं, इस सड़क को भी किसी योजना में शामिल कर मरम्मत होनी चाहिए.
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