सिमडेगा. केरसई प्रखंड के पूर्वी टैंसेर पंचायत के पाराहटोली में स्थित ईसाई धर्म का पवित्र स्थल कचहरी टोंगरी को लेकर ग्रामीणों की बैठक हुई. टैंसेर ग्रामसभा और अंचल के बीच में जमीन को लेकर जमीन अधिग्रहण का मामला चल रहा है. केरसई अंचल कार्यालय कचहरी टोंगरी की जमीन को विकास के कार्य के लिए अधिग्रहण करना चाहता है. वहीं ग्रामसभा का कहना है ग्रामसभा अंतर्गत आने वाली जमीन की अधिग्रहण बिना ग्राम सभा प्रस्ताव के बिना अंचल कार्यालय द्वारा अधिग्रहण किया जाना अनुचित है. ग्राम सभा को अभी तक इस मामले को लेकर किसी किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं मिला है. उक्त मामले को लेकर आयोजित बैठक में ग्रामसभा अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा बिना ग्राम सभा को जानकारी दिये प्रशासन जबरदस्ती जमीन का अधिग्रहण करना चाहती है. यह जमीन ही नहीं, बल्कि हमारा आस्था का केंद्र भी है, जहां हमारा पवित्र क्रूस है और समय-समय पर पूजा किया जाता है. उन्होंने बताया कि ग्राम सभा के द्वारा इस जमीन विवाद मामले में कई बार अंचल कार्यालय में आवेदन के माध्यम से ग्राम सभा बैठक में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया गया, किंतु एक बार भी पदाधिकारी उपस्थित नहीं हुए. मौके पर आदिवासी नेता अमृत चिराग तिर्की ने कहा कि जमीन अधिग्रहण करने के लिए ग्राम सभा का प्रस्ताव लेना जरूरी होता है. अंचल के इस कार्य को अवैध व गैरकानूनी माना जायेगा. सीएनटी-एसपीटी एक्ट व जमीन अधिग्रहण बिल 2013 के तहत कई ऐसे प्रावधान हैं, जो हमारी जमीन को हमें सुरक्षित व संरक्षित करने का अधिकार देता है. मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष शिशिर टोप्पो ने कहा ग्रामसभा के बिना प्रस्ताव के किसी तरह की बड़ी योजना क्षेत्र में नहीं किया जा सकता है. बैठक में कुलकांत सोहोर, बिपिन डुंगडुंग, विधायक प्रतिनिधि केरसई सेराफिना कुल्लू, स्मिता, पल्ली पुरोहित जेम्स लकड़ा, ग्राम प्रधान प्रवीण आनंद उपस्थित थे.
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