सिमडेगा. मानसिक सशक्तिकरण, सामाजिक जागरूकता और सतत प्रेरणा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले जिले के शिक्षक अंजनी कुमार सिंह को एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त हुई है. उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. साथ ही इस रिकॉर्ड को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी आधिकारिक रूप से पंजीकृत हो चुका है. इसकी मूल्यांकन प्रक्रिया प्रगति पर है. इस उपलब्धि को लेकर उपविकास आयुक्त दीपांकर चौधरी ने डीआरडीए कार्यालय कक्ष में श्री सिंह को सम्मानित किया. यह रिकॉर्ड उन्होंने हिंदी व अंग्रेजी में हजारों मौलिक प्रेरणादायक विचारों को विभिन्न डिजिटल मंचों, सोशल मीडिया और ऑनलाइन समूहों में निरंतर प्रकाशित कर स्थापित किया है. श्री सिंह के विचार केवल आत्म विकास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण, बाल अधिकार, जल संरक्षण, डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वासों के खिलाफ जनजागरण, वृद्धजनों के प्रति संवेदना, युवाओं में चेतना और विभिन्न चुनावों में मतदाता जागरूकता जैसे विषयों पर केंद्रित है. वह कई अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभा चुके हैं. उन्होंने बताया कि यह रिकॉर्ड केवल लेखन नहीं, बल्कि वर्षों की अनुशासित साधना, शत-प्रतिशत मौलिकता और प्रमाणिक डिजिटल दस्तावेजीकरण का परिणाम है. श्री सिंह को रवींद्रनाथ टैगोर अंतरराष्ट्रीय सम्मान, अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मान, काव्य रत्न सम्मान (नेपाल) समेत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है. वह तीन पुस्तकों के लेखक भी हैं और चौथी पुस्तक आई एम टुडे पर कार्यरत हैं.
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