ठेठईटांगर. प्रखंड कार्यालय सभागार में बुधवार को फिया फाउंडेशन के तत्वावधान में सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन की प्रक्रिया को लेकर एकदिवसीय प्रखंड स्तरीय कार्यशाला हुई. कार्यशाला में फिया फाउंडेशन के स्टेट हेड आलोक उरांव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग और संरक्षण एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने भूमि, जल, वायु, खनिज, वन्य जीव और अन्य वनोत्पादों के संरक्षण व प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इसका लाभ वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियों को मिलना चाहिए. स्टेट से आये प्रोग्राम मैनेजर स्मृति सोरेन ने सामूहिक वन पट्टा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे उस भूमि का सही उपयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि वन सुरक्षित रहे, इसके लिए कार्य योजना बनाना आवश्यक है. राजस्व कर्मचारी पंकज कुमार घोष ने वन पट्टा से जुड़ी तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि जिन भूमियों का पट्टा मिला है, उनका सीमांकन कर वहां चारागाह, मछली पालन के तालाब, पौधरोपण आदि कार्य किये जा सकते हैं. कार्यशाला में राजस्व कर्मचारी मनोज टेटे, बिनोद कुमार, पंकज कुमार घोष, प्रखंड की विभिन्न पंचायतों के ग्रामसभा अध्यक्ष, वन संरक्षण समिति के सदस्य और अन्य ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी रही. कार्यशाला को सफल बनाने में प्रखंड समन्वयक अभिनाश कुजूर, पीआइपी राजेंद्र बिझियां, राजेश बरवा, प्रतिमा डांग समेत अन्य सदस्यों की अहम भूमिका रही.
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