सिमडेगा. केरसई प्रखंड के रूसु गांव की रहनेवाली रजनी देवी आज अपनी मेहनत और लगन से एक मिसाल बन चुकी हैं. कभी खेती पर पूरी तरह निर्भर रहने वाली रजनी देवी अब गाय और बकरी पालन कर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला चुकी हैं. पूर्व में रजनी देवी का पूरा परिवार सीमित जमीन पर खेती कर किसी तरह गुजर-बसर करता था. वर्ष 2018 में उन्होंने जेएसएलपीएस द्वारा संचालित लक्ष्मी महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ाव किया. समूह से छोटे-बड़े जरूरतों के लिए ऋण लेकर उन्होंने धीरे-धीरे आगे बढ़ने की ठानी. गाय और बकरी पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने का निर्णय लेते हुए उन्होंने ग्राम संगठन के माध्यम से 47 हजार रुपये का ऋण लिया और शाहीवाल नस्ल की एक गाय तथा तीन बकरियां खरीदीं. इस कार्य में उनके पति ने भी सहयोग किया. गांव में ही गाय का दूध बिकने लगा. वर्तमान में उनके पास तीन गाय, दो बछड़े और 14 बकरियां हैं. रोजाना 10 से 12 लीटर दूध गांव में ही खपत हो जाती है. साथ ही बकरियों और खस्सियों की बिक्री से भी उन्हें अच्छी आय हो रही है. इस पशुपालन व्यवसाय से रजनी देवी की सालाना आय अब लगभग 1.5 लाख रुपये हो गयी है. भविष्य में वह और गायें खरीद कर इस व्यवसाय को और भी विस्तार देना चाहती हैं. रजनी देवी की यह सफलता ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है.
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