सिमडेगा. उपायुक्त कंचन सिंह की अध्यक्षता में बाल एवं अल्प व्यस्क श्रमिक अधिनियम से संबंधित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई. इसमें पुलिस अधीक्षक एम अर्शी, उपविकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, अपर समाहर्ता श्री ज्ञानेंद्र, श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज, जिला नियोजन पदाधिकारी आशा मैक्सिमा लकड़ा, जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश केरकेट्टा समेत कई पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित थे. बैठक में बाल श्रमिकों के रेस्क्यू अभियान, छापेमारी गतिविधियों व बाल श्रम अधिनियम के अंतर्गत की गयी कार्रवाई की समीक्षा की गयी. उपायुक्त ने लंबित मामलों में शीघ्र प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. कहा कि यदि कोई विद्यालय का छात्र 30 दिनों से अधिक अनुपस्थित पाया जाता है, तो संबंधित प्रधानाध्यापक उसकी समीक्षा कर संबंधित डाटा विभाग को उपलब्ध करायें. बैठक में यह निर्देश दिया गया कि जिले में दो बैंक खातों का संधारण कर बाल श्रमिकों के पुनर्वास सह कल्याण कोष का प्रबंधन करें. किसी भी प्रतिष्ठान द्वारा बाल श्रमिक को नियोजित करने की स्थिति में 20 हजार की राशि उस प्रतिष्ठान से वसूलें, जिसका उपयोग जिला स्तरीय समिति द्वारा पुनर्वास के लिए किया जायेगा. उपायुक्त ने निर्देशित किया कि गठित धावा दल प्रत्येक माह होटल, ढाबा, गैराज और अन्य प्रतिष्ठानों में छापामारी अभियान चलाते रहें. यदि किसी संस्था में बाल श्रमिक कार्यरत पाये जाते हैं, तो संबंधित पर त्वरित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें. उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को बाल श्रमिक उन्मूलन के लिए सतत निगरानी और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
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