फोटो फाइल: 20 एसआइएम:5-हवन करते श्रद्धालु,6-महाप्रसाद ग्रहण करते लोग सिमडेगा. श्री रामरेखा धाम में ब्रह्मलीन रामरेखा बाबा जयराम प्रपन्नाचार्य जी महाराज की 18वीं पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में रविवार को कई धार्मिक अनुष्ठान किये गये. श्री रामरेखा धाम के महंत पूज्य श्री अखंड दास जी महाराज एवं धाम में पधारे अनेक साधु संतो के पावन सान्निध्य में हवन पूजन और महा भंडारे का आयोजन किया गया. धाम के पुरोहित भुनेश्वर पंडा ने सभी अनुष्ठान पूर्ण कराये. पुरोहित भुनेश्वर पंडा ने ब्रह्मलीन रामरेखा बाबा के विषय में बताया की यह पुण्यभूमि श्री रामरेखा धाम बिरुगढ़ राज्य सिमडेगा के अधीन रहा है. इसकी खोज बिरुगढ़ राज्य के 15वें राजा हरेराम सिंह देव के द्वारा की गयी है. जब उन्होंने इस स्थान की खोज की थी तो भगवान श्रीराम के चातुर्मास बिताने के कई प्रमाण मिले थे. इस स्थान के पौराणिक महत्त्व को देखते हुए इस स्थान की पूजा पाठ की व्यवस्था के लिए पहान बैगा को नियुक्त किया गया. उसके बाद कई राजाओं ने अपने अपने काल में श्री रामरेखा धाम का विकास किया. राजा धर्मजीत सिंहदेव ने अपने गुरु महाराज श्री देवराहा बाबा जी से आग्रह कर धाम की देख रेख एवं सेवा के लिए आचार्य की व्यवस्था की. और देवराहा बाबा के शिष्य श्री जयराम प्रपन्नाचार्य जी महाराज का आगमन श्री रामरेखा धाम में हुआ. वह धाम के पहले महंत और संचालक हुए. उन्होंने अपने जीवनकाल में इस क्षेत्र की जानता के बीच अनेक कार्य किये. उन्होंने गांव गांव घूमकर लोगों के बीच धर्म का अलख जगाकर धाम से लोगों को जोड़ा. उन्होंने सभी गांवो में धाम के शाखा समिति की स्थापना की. हर गांव में साप्ताहिक सत्संग और संकीर्तन की प्रेरणा दी. लोगों को शिक्षित बनाने के लिए उन्होंने जागरूक किया और विद्यालयों की भी स्थापना की. वह हमेशा सभी जाती, धर्म के लोगों के सुख दुख के साथी रहे. लोगों के बीच बाबा के प्रति अपार श्रद्धा रही है. उनके ब्रह्मलीन होने के बाद उनके भक्तों के द्वारा प्रतिवर्ष उनकी पुण्यतिथि मनायी जाती है. उनकी 18वीं पुण्यतिथि पर धाम के संरक्षक कौशलराज सिंहदेव ने सभी भक्तों के लिए ब्रह्मलीन बाबा से आशीर्वाद की कामना करते हुए लोगों से अपील की कि सभी सनातनी एक होकर समरस भाव से बाबा के मार्ग पर चलें. समस्त अनुष्ठान में यजमान के रूप में विनोद अग्रवाल उपस्थित रहे. महा भंडारे में हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में धाम समिति एवं शाखा समिति के कार्यकर्ताओं का योगदान रहा.
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