Elephant Device Trial: चक्रधरपुर-चक्रधरपुर रेलमंडल के हाथी बहुल रेलखंडों में हाथियों के ट्रेन की चपेट में आने से बचाव के लिए अत्याधुनिक तकनीकी डिवाइस लगायी गयी है. इसके ट्रायल के लिए ले जाते वक्त जामनगर से लाये गये दो हाथी भड़क गये. इससे आरइ कॉलोनी पी ब्लॉक में अफरा-तफरी मच गयी. महावत समेत 36 सदस्यीय टीम भी हाथियों को नियंत्रित नहीं पा रही थी. हाथियों के पीछे चल रहे आरपीएफ व रेलवे कर्मचारी सहित हाथियों को देखने पहुंचे लोग इधर-उधर भागने लगे. सड़क के किनारे क्वार्टरों का चक्कर लगाने के बाद महात्मा गांधी पार्क के पास एक क्वार्टर में हाथियों को बेल्ट से बांध कर नियंत्रित किया गया. हाथियों को अनियंत्रित होते देख रेलवे सुरक्षा बल ने बड़ी संख्या में जवानों को मौके पर बुला लिया. करीब तीन घंटे बाद दोनों हाथियों को नियंत्रित किया गया. इसके बाद अपराह्न करीब तीन बजे ट्रायल शुरू हुआ.
रेलवे ट्रैक के किनारे हाथियों को विचरण कराया गया
झारखंड में पहली बार चक्रधरपुर के एलीफेंट जोन में डिवाइस का सफल ट्रायल हुआ. यह अत्याधुनिक डिवाइस चक्रधरपुर स्टेशन से डेढ़ किमी दूर पूर्वी छोर स्थित किमी संख्या 308 में ट्रैक के समीप ट्रायल किया गया. इस दौरान ट्रैक से 25-25 मीटर की दूरी पर दो हाथियों को विचरण कराया गया. हाथियों के विचरण की सूचना रेलवे कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारियों को मिल रही थी. हाथियों की तमाम गतिविधियों पर डिवाइस से रेलवे ने निगरानी की. इस ट्रायल के पूरा होने पर डिवाइस के कार्यों का अलग-अलग आकलन किया जायेगा. इसके बाद डिवाइस स्थापित करने की जिम्मेवारी कंपनी को दी जायेगी. यह डिवाइस रेलवे कंट्रोल रूम में इस्तेमाल किया जायेगा. मौके पर चक्रधरपुर रेल मंडल प्रबंधक तरुण हुरिया, दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य संकेत व दूरसंचार (योजना) बीके पटेल, वरिष्ठ मंडल संकेत व दूरसंचार एनएम दास आदि मौजूद थे.
हाथियों की सुरक्षा के लिए डिवाइस का होगा इस्तेमाल: बीके पटेल
दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य संकेत व दूरसंचार (परियोजना) बीके पटेल ने कहा कि एलीफेंट जोन में हाथियों की सुरक्षा के लिए एलीफेंट इंस्टूजन डिटेक्शन सिस्टम इस्तेमाल होगा. यह रेलवे कंट्रोल रूम में लगेगा. यह डिवाइस रेलमंडल के बागडीह-धुतरा, महादेवशाल-जराइकेला व कुनकी-चांडिल रेलखंड में इस्तेमाल होगा. सिस्टम की लागत 17 करोड़ रुपये है.
डीआरएम तरुण हुरिया ने ट्रायल का लिया जायजा
हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग के समीप चक्रधरपुर-बड़ाबांबो के बीच हाथियों की मदद से डिवाइस का ट्रायल किया गया. मंडल रेल प्रबंधक तरुण हुरिया ने ट्रायल का जायजा लिया. ट्रायल में शामिल दपू रेलवे के इंजीनियरों को जरूरी सुझाव दिये. हाथियों के साथ आने वाले प्रशिक्षकों की टीम के 36 सदस्यों से ट्रायल से जुड़ी जानकारी हासिल की.
अब एलीफेंट जोन में हाथियों की जान बचेगी
हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग में एलीफेंट जोन चिह्नित है. जहां तमाम नियमों व सुरक्षा व्यवस्था एवं सतर्कता के बावजूद हर साल हाथियों की मौत ट्रेन से कटकर हो रही थी. चक्रधरपुर रेल मंडल के विभिन्न सेक्शनों पर ट्रेनों से कटकर अबतक करीब 35 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है. इस डिवाइस से हाथियों की जान बचायी जा सकेगी.
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