Raj Thackeray Statement: महाराष्ट्र के नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने 30 मार्च को गुढी पड़वा के मौके पर एक रैली को संबोधित किया. रैली के दौरान उन्होंने बयान देते हुए औरंगजेब की कब्र को लेकर भड़काई जा रही सांप्रदायिक तनाव की कोशिशों की निंदा की. उनका कहना है कि इतिहास को धर्म और जाति के नजरिए से नहीं देखना चाहिए. ठाकरे ने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि इतिहास को सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि सही और भरोसेमंद स्रोतों से पढ़ना चाहिए. साथ ही, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैलाई जा रही अफवाहों से बचना चाहिए.
कुछ राजनीतिक दल इतिहास के नाम पर हिंसा फैला रहे हैं: राज ठाकरे
औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद पर राज ठाकरे ने कहा कि हमें पेड़ों और पानी जैसी अमूल्य चीजों की चिंता नहीं है, लेकिन औरंगजेब की कब्र की चिंता हो रही है? कुछ राजनीतिक दल इतिहास के नाम पर हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. वे बस यहां अपना फायदा देख रहे हैं. ठाकरे ने आगे लोगों को ऐसी राजनीति से बचने की सलाह दी.
ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र को लेकर क्या कहा?
ठाकरे ने आगे कहा कि औरंगजेब शिवाजी महाराज के विचारों और विरासत को खत्म करना चाहता था, जिसके लिए उन्होंने लगभग 27 सालों तक महाराष्ट्र में मराठों के साथ संघर्ष किया था. लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली. औरंगजेब की कब्र हटाने की चल रही मांग को लेकर उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि कब्र के स्थान पर एक बोर्ड लगा देना चाहिए, जिस पर लिखा हो “हमने औरंगजेब को मारा.”
राज ठाकरे ने कसा तंज
राज ठाकरे ने अपने संबोधन में फिल्मों से इतिहास सीखने वाले लोगों पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि फिल्में देखने के बाद जिनके अंदर हिंदुत्व जागता है, वे लोग किसी काम के नहीं हैं. क्या आपको बस विक्की कौशल की फिल्म “छावा” के कारण संभाजी महाराज के बलिदान के बारे में पता चला? उनका कहना था कि फिल्म देखने के बाद ही आखिर क्यों आपको इतिहास की इतनी चिंता हुई. लोगों को अपने इतिहास की जानकारी एक भरोसेमंद स्रोत से लेनी चाहिए, न कि एक फिल्म और सोशल मीडिया से.
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