Delhi AC Mechanic Deaths: दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में शनिवार सुबह एक ऐसा हादसा हुआ जिसने हर किसी को झकझोर दिया. एक ही कमरे में सो रहे चार एसी मैकेनिकों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. कमरे से मिली गैस सिलिंडरों और अंदर फैली तेज़ गंध ने इस पूरे मामले को और भी रहस्यमयी बना दिया है. घटना के बाद से इलाके में दहशत और मृतकों के परिवारों में मातम है.
सोते वक्त चारों की गई जान, कमरे से मिलीं कई गैस सिलिंडर
सुबह-सुबह जब आसपास के लोगों ने कमरे का दरवाजा नहीं खुला देखा तो शक गहराया. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा गया. अंदर का मंजर बेहद डरावना था चारों युवक अचेत पड़े थे, शरीर अकड़ चुके थे और कमरे में अजीब-सी गैस की गंध थी. जांच के दौरान पुलिस को कमरे में नाइट्रोजन, एलपीजी, ऑक्सीजन और एसी में इस्तेमाल होने वाली गैसों के सिलिंडर मिले. विशेषज्ञों की मानें तो दम घुटने से मौत की संभावना सबसे अधिक है.
कौन थे मृतक? बरेली से आए थे सीखने और काम करने
मृतक युवक उत्तर प्रदेश के बरेली से ताल्लुक रखते थे. इमरान उर्फ सलमान, जो सबसे उम्रदराज था, कई साल से दिल्ली में एसी रिपेयरिंग का काम करता आ रहा था. गर्मियों के सीजन में वह बरेली से युवकों को बुलाकर उन्हें काम सिखाता और साथ में काम भी कराता. इस बार मोहसिन, हसीब और कपिल उसके साथ आए थे। सभी युवक मेहनतकश और काम सीखने को लेकर गंभीर थे. परिवारों का कहना है कि वे पहली बार दिल्ली आए थे और भविष्य बनाने का सपना लेकर यहां पहुंचे थे.
कमरे में एसी भी चल रहा था, दरवाजा अंदर से बंद मिला
जिस वक्त पुलिस कमरे में पहुंची, उस समय भी एसी चल रहा था और दरवाजा अंदर से लॉक था. मृतकों की स्थिति देखकर साफ था कि वे गहरी नींद में थे जब यह हादसा हुआ. किसी ने बाहर निकलने की कोशिश भी नहीं की. इससे यह भी आशंका है कि गैस रिसाव अचानक और रात के समय हुआ होगा. कमरे में गैस के दबाव या मिलावट से क्या प्रतिक्रिया हुई, यह भी जांच का विषय है.
कौन-सी गैस बनी जानलेवा? जांच में उलझी पुलिस
मौके से नाइट्रोजन, आर-32, आर-410ए जैसी गैसों के सिलिंडर मिले हैं जो एसी की मरम्मत के दौरान काम में लाए जाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि नाइट्रोजन गैस अगर बंद कमरे में फैल जाए और ऑक्सीजन कम हो जाए तो दम घुट सकता है. चूंकि कमरे में कई गैसें एक साथ थीं, इसलिए पुलिस यह भी जांच रही है कि कहीं दो गैसों के संपर्क से कोई जानलेवा रासायनिक रिएक्शन तो नहीं हुआ. फिलहाल सभी सिलिंडरों को जांच के लिए भेजा गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
परिवारों में मातम, बरेली से दिल्ली के लिए रवाना हुए परिजन
चारों की मौत की खबर जैसे ही उनके घर बरेली में पहुंची, पूरा माहौल मातम में बदल गया. किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि उनके मेहनती और भविष्य संवारने निकले बेटे इस तरह अचानक दुनिया छोड़ देंगे. मोहसिन के भाई फारूख लगातार फोन कॉल्स कर रहे थे, लेकिन जवाब न मिलने पर उन्होंने दिल्ली में अपने रिश्तेदारों को भेजा. यहीं से उन्हें हादसे की जानकारी मिली. चारों परिवार बेहद साधारण जीवन जीते हैं और अब आर्थिक संकट के साथ भावनात्मक आघात भी झेल रहे हैं.
अस्पताल पहुंचते-पहुंचते गई जान, एक ने इलाज के दौरान तोड़ा दम
जब चारों युवकों को अस्पताल लाया गया, तब तक तीन की हालत गंभीर थी और उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. हसीब की सांसें चल रही थीं लेकिन सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया. डॉक्टरों ने शुरुआती जांच में दम घुटने से मौत की आशंका जताई है, लेकिन अंतिम पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही होगी. अब पुलिस मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने की योजना बना रही है.
न कोई नशे की लत, न कोई झगड़ा, हादसे की वजह बना रहस्य
इमरान के साथ काम कर चुके वाहिद और मोहसिन के रिश्तेदारों का कहना है कि ये युवक किसी भी नशे या असामाजिक गतिविधियों से दूर थे. न ही उनके बीच कोई झगड़ा था और न ही किसी को किसी खतरे का अंदेशा था. इसलिए यह हादसा और भी रहस्यमय हो गया है. दिल्ली पुलिस और एफएसएल की टीम अब सिलिंडर निर्माण कंपनियों और गैस की सप्लाई चैन तक भी जांच का दायरा बढ़ाने की योजना पर विचार कर रही है.