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PCS अफसर, कांग्रेस प्रत्याशी पत्नी और 240 करोड़ का खेल: ईडी ने मारा ताले तोड़ छापा

UP ED Raid: उत्तराखंड भूमि अधिग्रहण घोटाले में आरोपी डोईवाला चीनी मिल के निदेशक व वरिष्ठ पीसीएस अफसर दिनेश प्रताप सिंह के बरेली स्थित बंद आवास पर ईडी ने छापा मारा. ताले तोड़कर दस्तावेज बरामद किए. पत्नी कांग्रेस प्रत्याशी रही हैं और बेटी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है.

UP ED Raid: उत्तराखंड के वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी और वर्तमान में डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह के बरेली स्थित इंटरनेशनल सिटी आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी ने प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी है. बृहस्पतिवार को जैसे ही छापे की खबर फैली, अफसरशाही से लेकर राजनीतिक गलियारे तक हलचल मच गई. दिनेश प्रताप सिंह का नाम पहले से ही बहुचर्चित भूमि अधिग्रहण घोटाले से जुड़ा रहा है, जिसकी जांच ईडी कर रही है.

ताले तोड़कर घर में दाखिल हुई ईडी की टीम

सुबह करीब 9 बजे पांच गाड़ियों के काफिले के साथ ईडी की टीम बरेली के इंटरनेशनल सिटी स्थित उनके आलीशान आवास पर पहुंची. वहां पहुंचने पर घर पर कोई भी मौजूद नहीं मिला, जिस कारण टीम ने मुख्य गेट का ताला तोड़कर प्रवेश किया. इसके बाद मुख्य द्वार का कुंडा निकाला गया और घर के अंदर तलाशी शुरू की गई. टीम ने क्रमवार तरीके से लॉकर और अलमारियों को खोला, कई दस्तावेजों को खंगाला और डिजिटल डाटा भी खंगालने की कोशिश की. दोपहर 3 बजे तक जांच चलती रही, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक मीडिया को कोई आधिकारिक जानकारी देने से इनकार कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं जिन्हें टीम अपने साथ ले जाएगी.

एनएच-74 भूमि अधिग्रहण घोटाले में रहे हैं मुख्य आरोपी

दिनेश प्रताप सिंह पर राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के भूमि अधिग्रहण घोटाले में बड़ी भूमिका निभाने का आरोप है. वर्ष 2011 से 2016 के बीच उत्तराखंड के गदरपुर व आसपास की कृषि योग्य भूमि को दस्तावेजों में गैर-कृषि भूमि दर्शाकर भारी-भरकम मुआवजा स्वीकृत कराया गया. इस प्रक्रिया में 240 करोड़ रुपये से ज्यादा की आर्थिक अनियमितता की बात सामने आई थी. नवंबर 2017 में विशेष जांच टीम (SIT) ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जहां से वे करीब 15 महीने बाद हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर आए. यह घोटाला उस समय चर्चा में आया जब जांच में कई बड़े अफसरों और दलालों के नाम सामने आए थे.

राजनीतिक कनेक्शन भी सवालों के घेरे में

दिनेश प्रताप सिंह की पत्नी अलका सिंह का राजनीतिक सफर भी कम चर्चा में नहीं रहा है. वर्ष 2022 में वे बिथरी चैनपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. इससे पहले वे भाजपा में सक्रिय थीं, लेकिन टिकट न मिलने के कारण पार्टी बदलकर कांग्रेस में शामिल हुईं. ईडी को शक है कि चुनाव के दौरान किए गए भारी खर्च और प्रचार-प्रसार में कथित रूप से अवैध कमाई का इस्तेमाल हुआ है. साथ ही, उनके द्वारा खरीदी गई करोड़ों की चल-अचल संपत्तियों को लेकर भी जांच एजेंसियां सवाल उठा रही हैं. कई दस्तावेज और संपत्ति रजिस्ट्री अब ईडी की जांच के घेरे में हैं.

बेटी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में, घर सालभर से बंद

सूत्रों की मानें तो दिनेश प्रताप सिंह की बेटी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका में पढ़ाई कर रही है. उनके बरेली स्थित इस आवास पर पिछले एक वर्ष से कोई नहीं रह रहा था, जिससे इलाके में भी सन्नाटा बना हुआ था. स्थानीय लोगों ने बताया कि परिवार लंबे समय से यहां नहीं आया है, और घर अक्सर बंद ही रहता है. इसके बावजूद इस बंद पड़े मकान में अचानक ईडी की दस्तक और गहन छानबीन से आसपास के लोग भी स्तब्ध हैं. इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर उस भू-घोटाले की परतें खोल दी हैं, जिसे कई लोग भुला चुके थे.

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