Expressways in UP: रोड कनेक्टिविटी में उत्तर प्रदेश कीर्तिमान गढ़ने की ओर कदम बढ़ाए हुए है. वर्तमान में राज्य के अंतर्गत 6 एक्सप्रेस वे संचालित है, जबकि 6 अन्य एक्सप्रेस वे निर्माणाधीन हैं. इसके अलावा प्रदेश में 9 और एक्सप्रेसवे निर्माण की योजना का प्रस्ताव फाइनल हो गया है. इस परियोजना में कुल 20 हजार करोड़ रुपए का खर्च का अनुमान लगाया गया है. इन एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश की कुल लंबाई 4374 किमी. हो जाएगी.
2063 किमी लंबाई की 9 एक्सप्रेसवे प्रस्तावित
यूपी में प्रस्तावित 9 नए एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 2063 किमी प्रस्तावित है. इसके निर्माण के बाद यूपी की रोड कनेक्टिविटी में अमूल चूल परिवर्तन तो आएगा ही साथ ही यह पड़ोसी राज्यों तक भी पहुंच को सुगम बनाएगा. इन एक्सप्रेसवे में चित्रकूट-रीवा लिंक, गोरखपुर-सिलीगुड़ी, मेरठ-हरिद्वार, लखनऊ लिंक और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे प्रमुख तौर पर शामिल हैं.
ये हैं प्रस्तावित 9 एक्सप्रेसवे
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे – 49.96 किमी
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगे
फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे – 90.84 किमी
गंगा एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे तक कनेक्टिविटी
जेवर लिंक एक्सप्रेसवे – 74.30 किमी
यमुना एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेसवे तक (बुलंदशहर होकर)
झांसी लिंक एक्सप्रेसवे – 118.90 किमी
बुंदेलखंड के विकास में अहम भूमिका
विंध्य एक्सप्रेसवे – 320 किमी
पूर्वी यूपी और मध्य प्रदेश को बेहतर कनेक्टिविटी
मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे – 120 किमी
उत्तराखंड की सीमा तक आसान पहुंच
चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे – 70 किमी
यूपी और मध्य प्रदेश को जोड़ेगा
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे – 519 किमी
उत्तर-पूर्व भारत के लिए सीधी सड़क सुविधा
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे – 700 किमी
पूर्वांचल से पश्चिमी यूपी तक मजबूत संपर्क
औद्योगिक विकास में आएगी तेजी
प्रस्तावित एक्सप्रेसवे को लेकर यूपीडा के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही के मुताबिक, सीएम योगी का विजन प्रदेश के हर जिले को देश के अन्य हिस्सों को जोड़ने की है. इससे प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ-साथ अन्य राज्यों में पहुंच सुगम होगा.