Fake Recruitment scam: मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. खुद को “भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स” और “हिंदुस्तान रक्षा धर्म ट्रेनिंग सेंटर” का संचालक बताने वाले अरविंद पांडे ने फर्जी सेना भर्ती अभियान चलाकर दर्जनों युवाओं को अपना शिकार बना लिया.
तेलंगाना निवासी अशोक ने 21 जून 2024 को यूट्यूब पर एक विज्ञापन देखा. विज्ञापन में बताया गया था कि भारतीय सेना, एयरफोर्स, नेवी और सीआरपीएफ में भर्ती के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. यह विज्ञापन देखने के बाद अशोक ने अरविंद पांडे से संपर्क किया, जो इस कथित ट्रेनिंग सेंटर का मुखिया था.
फर्जी ट्रेनिंग सेंटर का बड़ा नेटवर्क, कई राज्यों में फैला जाल
जांच में खुलासा हुआ कि अरविंद ने फर्जी ट्रेनिंग सेंटर के ज़रिए तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के बेरोजगार युवाओं से संपर्क साधा और उन्हें झूठे वादे कर के मोटी रकम ऐंठ ली.
उसने तेलंगाना निवासी सागर, चंद्रशेखर, श्रीकांत, रवितेजा, विजय, लच्छमन आदि युवाओं से सेना में भर्ती का लालच देकर 2.5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति तक वसूले. कई मामलों में रकम नकद ली गई तो कुछ मामलों में ऑनलाइन भुगतान करवाया गया.
सेना जैसी वर्दी, फर्जी दस्तावेज, नकली गन सबकुछ था तैयार
पुलिस की छापेमारी के दौरान जबरदस्त खुलासा हुआ. आरोपी के पास से सेना जैसी वर्दियाँ, नकली एयरगन, एडमिट कार्ड, फर्जी नियुक्ति पत्र, मेडिकल एडमिट कार्ड, फर्जी सरकारी लेटरपैड, जॉइनिंग लेटर, तीन मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट और कई फर्जी प्रमाणपत्र बरामद किए गए.
साफ था कि यह केवल एक छोटा सा स्कैम नहीं, बल्कि पूरी योजना के साथ युवाओं को ठगने वाला गिरोह था जिसने एक नकली भर्ती तंत्र ही खड़ा कर दिया था.

महिला साथी भी गिरफ्तार, तीसरा आरोपी अभी फरार
मुख्य आरोपी अरविंद पांडे के साथ उसकी महिला साथी सुमित्रा सेनापति को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्होंने मिलकर यह फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाया और 50 से ज्यादा लोगों से करीब 50 लाख रुपये की ठगी की.
हालांकि, गिरोह का तीसरा सदस्य अब तक फरार है. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक टीम आगरा रवाना की है और उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है.
थानों में एफआईआर दर्ज, कई राज्यों की पुलिस कर रही समन्वय
तेलंगाना निवासी एक युवक की तहरीर पर मैनपुरी पुलिस ने अरविंद पांडे (पुत्र जानकी प्रसाद, निवासी गाड़ीवान मैनपुरी, हाल निवासी फरीदाबाद, हरियाणा) और सुमित्रा सेनापति (निवासी रसोईगढ़, उड़ीसा) के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इसके अलावा, बिहार के चंपारण जिले के युवक प्रकाश ने भी मंझौलिया थाने में शिकायत दर्ज कराई है. इन सब मामलों को समन्वय कर अब एक बड़ा मामला बनाया जा रहा है ताकि हर राज्य की पुलिस मिलकर कार्रवाई कर सके.
एसपी की टीम को मिली बड़ी सफलता, खुलासा करने वालों को मिला इनाम
बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में एसपी गणेश प्रसाद साहा ने इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह फर्जी केंद्र बीपीपीएफ (भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स) के नाम से चल रहा था, जो पूरी तरह अवैध था.
एसपी ने इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम को 20,000 रुपये इनाम देने की घोषणा भी की. इस खुलासे में सीओ सत्यप्रकाश शर्मा, थाना प्रभारी लालित भाटी, गगन गौड़, आदेश भारद्वाज और मनोज कुमार की विशेष भूमिका रही.
‘नेटवरलाल’ बना सोशल मीडिया का मास्टरमाइंड
अरविंद पांडे सोशल मीडिया, खासकर यूट्यूब का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करता था. वो फर्जी कंपनी का प्रचार-प्रसार कर युवाओं को फंसाता था. तेलंगाना के करीमनगर ज़िले के अशोक ने जब किशनी पुलिस में शिकायत दी, तभी यह पूरा मामला खुलकर सामने आया.
युवाओं को चाहिए सतर्कता, ठगों से रहें सावधान
यह मामला बताता है कि कैसे आज के डिजिटल युग में अपराधी सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर भोले-भाले युवाओं को ठगते हैं. फर्जी ट्रेनिंग सेंटर और झूठे भर्ती वादों से सावधान रहना बेहद जरूरी है. सरकारी भर्ती केवल आधिकारिक वेबसाइट और माध्यमों से ही मान्य होती है.