Languages of UP: उत्तर प्रदेश अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए तो दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन यहां की भाषाई विविधता भी किसी से कम नहीं है. यूपी एक बहुभाषी राज्य है, जहां कुल 3 प्रमुख भाषाएं और कई अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं. इन भाषाओं में न केवल लोगों की संस्कृति छुपी है, बल्कि उनकी भावनाएं भी साफ झलकती हैं.
राज्य की आधिकारिक भाषा
उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक भाषा हिंदी है, जो यूपी राजभाषा अधिनियम, 1951 के तहत स्थापित है. वहीं, 1989 में संशोधन के बाद उर्दू को भी राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया.
सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाएं
राज्य में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में भोजपुरी, अवधी, ब्रजभाषा और बुंदेली शामिल हैं. इन भाषाओं का दायरा प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में फैला है.
भोजपुरी
भोजपुरी यूपी के पूर्वी हिस्से में प्रमुख रूप से बोली जाती है, जो कि वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, चंदौली, जौनपुर, सोनभद्र, भदोही, मऊ, गाजीपुर, बस्ती, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ जैसे जिलों में बोली जाती है. राज्य की करीब कुल आबादी का 11 फीसदी हिस्सा भोजपुरी को बोलती है.
अवधी
अवधी मुख्य रूप से यूपी के मध्य हिस्से में बोली जाती है, जो कि लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशाम्बी, अंबेडकर नगर, गोंडा, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, फतेहपुर जैसे इलाकों में बोली जाती है.
ब्रजभाषा
ब्रजभाषा यमुना और गंगा के बीच के इलाके में बोली जाती है, जो कि मथुरा, आगरा, अलीगढ़, हाथरस, मैनपुरी, एटा जैसे इलाकों में बोली जाती है.
बुंदेली
प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में बुंदेली भाषा की पकड़ मजबूत है, जो कि बांदा, चित्रकूट, जालौन, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, महोबा जैसे इलाकों में बोली जाती है.