राधेश्याम कुशवाहा/ Corruption in UP: बलिया जिले के गड़वार ब्लॉक स्थित सिंहपुर ग्राम पंचायत में बिना काम कराए और फर्जी मास्टर रोल बनाकर ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा योजनाओं से लाखों रुपए के गबन करने का मामला सामने आया है. यह मामला उजागर तब हुआ जब लोगों ने मेरी पंचायत एप पर अपलोड भुगतान की राशि खंगालना शुरू किया. ग्राम प्रधान द्वारा विकास कार्य के लिए कराए गए भुगतान की राशि को देखकर लोगों का होश उड़ गया हैं. ग्राम प्रधान बेबी वर्मा द्वारा फर्जी तरीके से बंधा-बधिया निर्माण के नाम पर भुगतान किया है, तो कहीं बिना काम कराए ही लाखों रुपये का भुगतान हो गया है. वहीं स्ट्रीट लाइट और री-बोर के नाम पर भी लाखों रुपये का भुगतान किया गया है. इतना ही नहीं अपात्र लोगों का जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी के नाम पर लाखों रुपये का फर्जी भुगतान किया गया है. इसके साथ ही डस्टवीन और दवा छिड़काव के नाम पर भी लाखों रुपये की निकासी की गयी है. ग्राम प्रधान द्वारा किए गए लाखों रुपये के गबन की पूरी जानकारी मेरी पंचायत एप पर अपलोड है.
भ्रष्टाचार की छिपायी जा रही जानकारी
सिंहपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना व ग्राम विकास योजना में ग्राम प्रधान द्वारा गबन करने का मामला कोई नया नहीं है, इससे पहले भी लाखों रुपये का भ्रष्टाचार ग्राम प्रधान बेबी वर्मा के द्वारा किया गया है. हालांकि ग्राम प्रधान द्वारा कराए गये कार्यों की जांच के लिए बार बार शिकायत की जाती है, लेकिन ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए एडीओ पंचायत और बीडीओ पूरी तरह से लग जाते है. आरोप है कि गड़वार ब्लॉक के ऑफिसर ने ग्राम प्रधान के साथ मिलीभगत कर सरकारी योजनाओं के धन का दुरुपयोग किया है और इसकी जानकारी छिपाई जा रही है. IGRS पर की गयी शिकायत की जांच रिपोर्ट में पूरी तरह से ग्राम प्रधान का पक्षपात किया जा रहा है.
ग्राम प्रधान ने की सरकारी धन का दुरुपयोग
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने सरकारी योजनाओं के लिए आवंटित धन का उपयोग अपने निजी हितों के लिए किया और गड़वार ब्लॉक के ऑफिसर ने इसकी जांच करने के बजाय मामले को दबा रहे है. इस मामले में एडीओ पंचायत की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि ब्लॉक ऑफिसर और ग्राम प्रधान के बीच सांठगांठ है, इसलिए ग्राम प्रधान बेबी सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही हैं.
भ्रष्टाचार की हदे तोड़ डाली ग्राम पंचायत
एक ही कार्य के नाम पर कई बार राशि का भुगतान किया गया है. ग्राम प्रधान द्वारा किए गए लाखों रुपये की गबन की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की गई है. इसके आलावा मुख्यमंत्री पोर्टल पर बीच-बीच में कई बार भ्रष्टाचार की शिकायत की गयी है, लेकिन जो जांच कर रिपोर्ट लगायी जा रही है, उससे साफ है कि भ्रष्टाचार की जानकारी छिपाई गयी है. ग्रामीणों का आरोप है कि गड़वार ब्लॉक के अधिकारी ग्राम प्रधान के दबाव में आकर काम कर रहे है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है.
अपात्र लोगों का जॉब कार्ड बनाकर लाखों रुपये का गबन
ग्राम पंचायत सिंहपुर के प्रधान बेबी ने बड़ी संख्या में अपात्र लोगों का जॉब कार्ड बना डाली है. ऐसे लोगों का जॉब कार्ड बनाया गया जो न ही कभी मजदूरी करेंगे और न ही कर सकते है. लेकिन इनके खाते से हजारों हजारों रुपये की निकासी कर ली गयी है. कई लोग तो ऐसे भी है, जो दूसरे प्रदेश में रह कर नौकरी करते है, उनके भी नाम पर हजारों रुपये का भुगतान किया गया है. इतना ही नहीं कई लोग ऐसे भी तो जो दुकान और अपना खुद का व्यवसाय करते है, लेकिन इनके नाम पर भी मनरेगा से मजदूरी के नाम पर फर्जी निकासी की गयी है. ऑनलाइन दी गयी जानकारी के अनुसार सिंहपुर ग्राम प्रधान की कार्यकाल की जांच की जाए तो बड़ा भ्रष्टाचार और मनरेगा योजना से गबन का मामला उजागर हो सकता है.
ग्रामीण राम निवास यादव ने कहा-
सिंहपुर ग्राम पंचायत निवासी राम निवास यादव ने कहा कि सिंहपुर गांव में कोई भी काम ढंग का नहीं हुआ है. गांव में न ही सफाई पर काम किया गया है, न ही नाली निर्माण सही ढंग से कराया गया है. वहीं डस्टवीन और स्ट्रीट लाइट के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान कराया गया है, लेकिन लगा कहां है, यह ग्राम प्रधान और अधिकारी ही बता पाएंगे, क्योंकि गांव के लोग तो इस काम को आज तक देख ही नहीं पाए. जिस तरह से मेरी पंचायत एप पर कार्य दिखाकर भुगतान करने का डाटा अपलोड है, उस पैसे का 50 प्रतिशत भी काम गांव में दिखता तो गांव की हालत यही नहीं होती. आप रात में गांव में घूमकर देख लीजिए, स्ट्रीट लाइट का पता चल जाएगा. वहीं दिन में देख लीजिए नाली, नल, री-बोर और पानी निकासी के नाम पर काम कहां कराया गया है, इसकी जानकारी मिल जाएगी. जिस तालाब को सौंदर्यीकरण करने नाम पर लाखों रुपये खर्च किया गया है, उस तलाब को वर्तमान प्रधान गढ़ही बना डाला है. सिर्फ लाखों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, गांव में काम कुछ नहीं हुआ है. ब्लॉक पर शिकायत करने के बाद भी अधिकारी ग्राम प्रधान को ही बचाने में जुट जा रहे है.
गड़बड़ी मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी
गड़वार ब्लॉक के एडीओ पंचायत संजय सिंह ने कहा कि IGRS पर ग्राम प्रधान के द्वारा किए गए कार्यों की जांच करने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है. अगर शिकायतकर्ता जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है तो पुन: जांच करायी जाएगी. अगर जांच में गड़बड़ी मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
गड़बड़ी मिलने पर भुगतान की गयी राशि की होगी वसूली
बीडीओ संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि IGRS पर शिकायत मिली है. ग्राम प्रधान द्वारा गांव में कार्य नहीं कराया गया है तो उसकी जांच की जाएगी. एडीओ पंचायत से इस मामले की जानकारी लेकर मैं खुद गांव में जाकर जांच करूंगा. ग्राम प्रधान द्वारा कराये गए कार्य में भ्रष्टाचार और फर्जी भुगतान कराया गया है तो नियमानुसार कार्रवाई करने के साथ साथ भुगतान की गयी राशि की वसूली की जाएगी.
जांच टीम गठित कर करायी जाएगी जांच
बलिया मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने कहा कि ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अगर शिकायकर्ता शपथ पत्र पर लिखित शिकायत दस्तावेज के साथ जिलाधिकारी को करता है तो कार्रवाई होना तय है. शपथ पत्र पर लिखित शिकायत मिलने के बाद जांच टीम गठित की जाएगी. जांच टीम के द्वारा प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई होगी. अगर IGRS पर जिम्मेदार अधिकारी जांच रिपोर्ट गलत लगा रहे है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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