BrahMos Aerospace Project: भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर को लॉन्च करते हुए पाकिस्तान के 9 इलाकों में मिसाइल दागकर आतंकियों के मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया है. भारतीय सेना के इस कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है. दोनों देशों के बीच युद्ध जैसा माहौल हो गया है. इसी बीच सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. दरअसल, प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) का निर्माण शुरु होने वाला है.
इस दिन होगा प्लांट का उद्घाटन
दुनिया की सबसे तेज और अत्यधिक विनाशकारी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में शुमार ‘ब्रह्मोस’ अब लखनऊ में भी तैयार की जाएगी. यहां स्थापित होने वाला ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण संयंत्र (BrahMos Missile Plant) न सिर्फ राज्य के लिए, बल्कि देश के रक्षा क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा. ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण संयंत्र का औपचारिक शुभारंभ 11 मई को किया जाएगा. (BrahMos Missile Plant inaugurated in Lucknow on 11 May)
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यूपी का पहला अत्याधुनिक रक्षा निर्माण केंद्र
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के एसीईओ हरि प्रताप शाही के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण संयंत्र लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने लखनऊ में 80 हेक्टेयर भूमि मुफ्त में प्रदान की थी. साढ़े तीन वर्षों में रिकॉर्ड समय में इस परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. यह उत्तर प्रदेश का पहला अत्याधुनिक रक्षा निर्माण केंद्र बनने जा रहा है. इस संयंत्र में ब्रह्मोस मिसाइल के अलावा अन्य रक्षा उपकरणों और एयरोस्पेस तकनीकी उपकरणों का भी उत्पादन किया जाएगा. ब्रह्मोस निर्माण संयंत्र से लगभग 500 इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों को सीधे रोजगार मिल सकेगा, जबकि हजारों स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और सामान्य श्रमिकों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. (BrahMos Missile Plant in Lucknow)
भारत-रूस के संयुक्त उद्यम से हो रहा निर्माण
गौरतलब है कि ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण BrahMos Aerospace के तहत किया जा रहा है, जो भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस की सरकारी संस्था NPO Mashinostroeninya के बीच एक संयुक्त उद्यम है. इसमें भारत 50.5 फीसदी और रूस 49.5 फीसदी का हिस्सेदार है. यह पहली ऐसी मिसाइल है, जिसे विदेशी के साथ मिलकर निर्माण किया जा रहा है इससे मेक इन इंडिया को भी मजबूती मिलेगी.
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