Switzerland of India: उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला सिर्फ खनिज संपदा और पावर प्लांट्स के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है. चार राज्यों की सीमाओं से घिरे इस जिले को ‘स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’ कहा जाता है. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने साल 1954 में इस जिले की यात्रा के दौरान इसकी हरी-भरी पहाड़ियों, झरनों और घाटियों को देखकर इसे यह नाम दिया था.
चार राज्यों की साझा करती है सीमा
सोनभद्र उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है. यह जिला मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ से सीमा साझा करता है. क्षेत्रफल के लिहाज से यह लखीमपुर खीरी के बाद उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है.
एनर्जी कैपिटल ऑफ इंडिया के नाम से भी मशहूर
खनिज संपदा में समृद्ध सोनभद्र को ‘एनर्जी कैपिटल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है क्योंकि यहां कई पावर प्लांट स्थापित हैं. इसके अलावा यहां बॉक्साइट, चूना पत्थर, कोयला, सोना आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
हसीं वादियों से घिरा जिला
सोनभद्र की खूबसूरती की बात करें तो यहां विंध्य और कैमूर की पहाड़ियां, नदियां, झरने, गुफाएं और प्राचीन मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. सोन नदी के किनारे बसे इस जिले का नाम भी इसी नदी के नाम पर रखा गया है. इसके अलावा रिहंद, कनहर और कर्मनाशा नदियां भी यहां से होकर बहती हैं.
पंडित नेहरू ने दिया था तमगा
पंडित नेहरू द्वारा दिया गया ‘स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’ का तमगा आज भी सोनभद्र की पहचान बना हुआ है. यहां की प्राकृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहरें देश भर के पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं.