उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी पर हमला करने की साजिश पुणे महाराष्ट्र में तैनात एक कर्नल के सर्वेंट क्वार्टर में गुप्त रूप से रची गई थी. फरार रहने के दौरान आरोपित पूर्व विधायक विजय मिश्रा अपने कर्नल दामाद एके पांडेय के पास पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा के साथ पहुंचा था और घटना को अंजाम देने का पूरा षड्यंत्र रचा था. अभियोजन की ओर से कोर्ट में पेश किए गए तत्कालीन एसओजी के दारोगा अंजनी कुमार ने यह बताया कि कर्नल की तैनाती पुणे महाराष्ट्र में थी. और उसे सरकारी आवासीय सुविधा एनडीए के फ्लैट में थी. जो पुणे के खड़कवासला महाराष्ट्र में था. वहीं उसके सर्वेंट क्वार्टर में दिलीप मिश्रा का ठहरना हुआ करता था. और कर्नल की नौकरानी के बहन सुमित्रा जान के नाम से मोबाइल फोन की सिम ले रखा था.
वहीं पुणे में राजेश पायलट का बीच बीच में आना जाना हुआ करता था. एसओजी के दरोगा अंजनी कुमार ने यह भी बताया है कि विजय मिश्रा और दिलीप मिश्रा किस किस से बात करते थे वह यह दोनों समानांतर सुना करते थे.वहीं जब कर्नल की नौकरानी हनुमत जलके कोर्ट में पेश हुई तो उसने विजय और दिलीप की फोटो देखकर दोनों की पहचान की पुष्टि की.
उसने यह भी बताया कि इनसे मिलने वाले लोग वहां अधिकतर आया जाय करते थे.विजय मिश्रा ने वहीं से एक मोबाइल फोन और सिम राजेश पायलट को दिलाया था, जो बाद में आरोपी केशव पांडेय से पुलिस ने गिरफ्तारी के समय बरामद किया था.
नन्दी पर जानलेवा हमले की सुनवाई एमपी एमएलए की विशेष न्यायालय डाक्टर दिनेश चंद्र शुक्ल के समक्ष चल रही है. अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य पक्ष रख रहे हैं.