UP Panchayat Chunav: उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव 2027 में होगा, लेकिन उससे पहले प्रदेश में पंचायत स्तर के चुनाव होने हैं. चुनाव 2026, जनवरी-फरवरी में होने के आसार हैं. इसके लिए सभी क्षेत्रीय दल अपनी कमर कस ली हैं. पंचायत चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) का कुनबा बिखर सकता है. दरअसल, केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पंचायत चुनाव अपने दम पर लड़ने का ऐलान किया ही था कि अब योगी सरकार में शामिल निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने भी पंचायत चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर दी है.
पार्टी कार्यकर्ता को दिया जाएगा पूरा मौका- अनप्रिया
अपना दल (S) की प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने गुरुवार को प्रयागराज में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में पार्टी का जो भी कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहता है उसे पूरा मौका दिया जाएगा, क्योंकि चुनाव में गठबंधन को लेकर अभी कोई बातचीत नहीं हुई है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी अपने स्तर से तैयारी में जुट गई है. पार्टी के कार्यकर्ता वार्ड, पंचायत चुनाव और जिला पंचायत सदस्य सभी पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में कार्यकर्ता जुट गए हैं.
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निषाद और SBSP ने भी किया ऐलान
एक मीडिया ग्रुप से बात करते हुए निषाद पार्टी के मुखिया और उप्र सरकार में मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने पंचायत चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ने की बात कही. इसके अलावा, उप्र सरकार में पंचायती राज मंत्री ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने भी पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया.
बीजेपी को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
गौरतलब है कि मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार 3.0 में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं. वहीं उनके पति आशीष पटेल योगी सरकार में मंत्री पर हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव में अपना दल (S), सुभासपा और निषाद पार्टी का पंचायत चुनाव में अकेले लड़ने से NDA में बिखराव हो सकता है, जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है.
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बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश
अगर तीनों क्षेत्रीय पार्टियां अकेले चुनाव लड़ेंगे, तो पार्टी कार्यकर्ता मजबूत होंगे, और जब कार्यकर्ता मजबूत होंगे, तो पार्टी को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में फायदा मिलेगा. पार्टियां गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगी, तो सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा. इसके अलावा, पंचायत चुनाव के अगले साल ही यूपी में विधानसभा चुनाव भी होंगे. ऐसे में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव भी बनाने की कोशिश की जाएगी.