Green Field Expressway: उत्तर प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है. इसके बनने से राजधानी लखनऊ समेत वेस्ट यूपी और पूर्वांचल के कई जिलों को फायदा होगा.
6 लेन का होगा एक्सप्रेसवे
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे फिलहाल 6 लेन का बनाया जाएगा, लेकिन भविष्य में बढ़ते यातायात को देखते हुए इसे 8 लेन में बदला जा सकेगा. 49.960 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के लिए 39 गांवों की 597 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी.
यह भी पढ़ें- आधा यूपी नहीं जानता प्रदेश में बन रहा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे, जानते ही कम समय में पहुंच जाएगा दिल्ली NCR
अत्याधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के प्रस्ताव में यातायात प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) भी लगाया जाएगा. दोनों ओर 7-7 मीटर चौड़ाई में सर्विस रोड बनाई जाएगी. एक्सप्रेसवे पर दो बड़े सेतु, 20 छोटे सेतु, 2 रेलवे ओवरब्रिज, 6 फ्लाईओवर और 5 इंटरचेंजेज भी प्रस्तावित हैं.
120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां
इस एक्सप्रेस वे के बनने से लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर जिले को फायदा होगा. इस एक्सप्रेसवे पर 120 किमी प्रति घंटे की गति से सफर कर सकेंगे. यह एक्सप्रेसवे लखनऊ के आदमपुर, इरखरा, सकाभवई, लुहस बंथरा, सिकंदपुर, कुरैनी, भगदुमपुर, काशी जैतीखेड़ा, परवर, पश्चिम परवर, उल्लासखेड़ा, खुजहा, बरकत नगर, किथौली और कलपहास गांवों से होकर गुजरेगा.
तीन साल में पूरा हो सकता है निर्माण कार्य
ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे बनाने में कार्यदायी संस्था को जमीन अधिग्रहण सहित निर्माण में करीब तीन साल का समय लग सकता है. वहीं, एक्सप्रेसवे बनने के बाद पांच साल तक इसकी देखरेख निजी कंपनी द्वारा की जाएगी.