आसनसोल. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के इतिहास में अबतक की सबसे बड़ी रकम की साइबर ठगी की प्राथमिकी शुक्रवार को साइबर क्राइम थाना आसनसोल में दर्ज हुई. इससे पहले 11 जून को 1.65 करोड़ रुपये की ठगी के मामले का नया रिकॉर्ड बना था, जो 16 दिनों के अंदर ही टूट गया. इसबार ठगी की रकम 2,53,14,437 रुपये 35 पैसे की है. शेयर में निवेश करने के नाम पर हुई. दुर्गापुर आवासन पल्ली इलाके के निवासी व पेशे से ठेकेदार अक्षय कुमार पाल ने साइबर क्राइम थाना आसनसोल में शिकायत दर्ज करायी कि शेयर में निवेश के नाम पर उनके साथ उक्त रकम की ठगी हुई है. शिकायत के आधार पर कांड संख्या 50/25 में 316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. पुलिस के अनुसार लूटी गयी राशि में से कुछ रकम बैंकों में रोका गया है. गौरतलब है कि साइबर अपराध से बचने को लेकर आम जनता को पुलिस, प्रशासन, वित्तीय संस्थान और विभिन्न सामाजिक व गैर सरकारी संगठनों द्वारा लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद भी लोग चलकर उनके पास जाकर अपने सारे पैसे गंवा रहे हैं. पुलिस के लिए इस अपराध से निबटना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल साइबर अपराध के मामले में थोड़ी कमी आयी है लेकिन ठगी की राशि काफी ज्यादा है. वर्ष 2024 में 26 जून तक कुछ 54 मामले साइबर थाना में दर्ज हुए थे, जिसमें 90 फीसदी साइबर ठगी के थे. इस साल अबतक कुल 50 मामले दर्ज हुए हैं जिसमें 75 फीसदी साइबर ठगी के हैं.
कमिश्नरेट के इतिहास में सबसे बड़ी रकम की ठगी के कुछ मामले एडीपीसी में साइबर ठगी में लूटे गये सबसे अधिक राशि के कुछ मामलों में हीरापुर थाना क्षेत्र के कोड़ापाड़ा इलाके के निवासी व पूर्व बैंक अधिकारी दिलीप मुदी को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर अपराधियों नर 1,35,50,000 रुपये लूटे. आठ सितम्बर 2024 को इसकी शिकायत दर्ज हुई थी.दुर्गापुर एरिशन रोड बी-जोन इलाके के निवासी दीपक घोष ने कम अवधि में अधिक मुनाफा कमाने की लालच में साइबर अपराधियों के जाल में फंसकर निवेश किया और 1,33,47,000 रुपये गंवाए. इसकी शिकायत 25 सितंबर 2024 को दर्ज हुई. आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के समीरण राय रोड इलाके के निवासी व पूर्व दूरदर्शन कर्मचारी चंचल बंधोपाध्याय को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर अपराधियों ने 1,03,85,000 रुपये लूटे. इसकी शिकायत 18 जनवरी 2025 को दर्ज हुई थी.आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र इलाके के निवासी व आसनसोल नगर निगम के पूर्व सहायक अभियंता को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर अपराधियों ने 1.65 करोड़ रुपये लूटा. इसकी शिकायत 11 जून 2025 को दर्ज हुई.दुर्गापुर निवासी अक्षय कुमार पाल के साथ 2.53 करोड़ रुपये की ठगी ने नया रिकॉर्ड बनाया.
कैसे हुई 2.53 करोड़ रुपये की ठगी
साइबर ठगी के शिकार दुर्गापुर निवासी अक्षय कुमार पाल ने अपनी शिकायत में बताया कि दो माह पहले आराध्या मिश्रा नामक एक युवती का उन्हें कॉल आया, जिसने खुद को सेबी पंजीकृत एक फर्म की निवेश रणनीतिकार के रूप में खुद को पेश किया, जो उच्च लाभ वाले निवेश के अवसर प्रदान करती है. युवती द्वारा प्रदान किये गये सेबी से संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद श्री पाल प्रारंभिक 50 हजार रुपये निवेश किया. उन्होंने इस प्लेटफॉर्म की वैधता जांचने के लिए 100 रुपये की निकासी की, जो सफल सफल रहा. जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ गया. इसके बाद उन्हें 329 एससी लक्ष्मी बुल्स नामक व्हाट्सएप ग्रुप में उन्हें जोड़ा गया. जहां कथित सेबी अधिकृत फर्म के प्रतिनिधियों ने उन्हें प्लेटफॉर्म की वैधता का आश्वासन देते रहे. आराध्या मिश्रा ने उन्हें ग्रुप के अन्य प्रशासकों के साथ मिलकर उन्हें SCELITEVip ऐप इंस्टॉल करने के लिए प्रेरित किया. आईपीओ और शेयर निवेश के नाम पर उच्च रिटर्न देने का वादा किया. वे इनके झांसे में आ गये और 21 मई 2025 से 20 जून 2025 के बीच 2,53,14,437 रुपये का निवेश किया. निवेश की गयी राशि इन-एप पोर्टफोलियो में मुनाफे के साथ बढ़कर 17.41 करोड़ रुपये दिखाने लगी, जिसमें से वे 12 करोड़ रुपये निकालने का प्रयास किया. पैसे भुगतान करने के लिए 10 फीसदी सर्विस चार्ज मांगा गया. यह देखते ही वे समझ गए कि साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस चुके है. जिसके बाद उन्होंने एनसीआरपी पोर्टल में शिकायत की. शुक्रवार को साइबर क्राइम थाना आसनसोल में आकर शिकायत दर्ज करायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है