जिला परिषद की सभाधिपति की सक्रियता से वाहन चालकों में मची खलबली प्रशासनिक व पुलिस अफसरों की मौजूदगी में अनुसूया ने कई वाहन चालकों को दी चेतावनी बांकुड़ा. जिले में बालू तस्करी का सिलसिला नहीं थम रहा है, ऊपर से बालू से ओवरलोडेड ट्रकों व अन्य वाहनों की आवाजाही से आये दिन सड़कों पर हादसे होते रहते हैं, जिनमें लोग हताहत होते हैं. ओवरलोडेड वाहनों की अंधाधुंधु आवाजाही से ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें भी समय से पहले दम तोड़ने लगी हैं. ज्यादातर सड़कें बदहाल हो चुकी हैं. ऊपर से बारिश में सड़क पर बने गड्ढों में पानी भर जाता है और अनहोनी होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ओवरलोडेड ट्रकों व अन्य मालवाहनों पर शिकंजा कसने के लिए बुधवार को जिला परिषद की सभाधिपति अनूसूया राय प्रशासनिक अमले के साथ अचानक सड़क पर उतर पड़ीं और बालू से ओवरलोडेड वाहनों को रोक कर चालकों व खलासी को चेतावनी देने लगीं. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सड़क पर डटी सभाधिपति की सक्रियता से ट्रक चालकों व मालिकों में खलबली मच गयी. बांकुड़ा जिला परिषद की सभाधिपति अनुसूया रॉय के नेतृत्व में ओवरलोडिंग को रोकने के लिए अभियान चलाया. उन्होंने जिले के जयपुर प्रखंड अंचल के राउतखंड पंचायत के कुंभस्थल से कुंडपुस्करिणी क्षेत्र में अभियान चलाया. वे जिला परिषद और जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ मौके पर पहुंची. उन्होंने स्थानीय थाने के प्रभारी निरीक्षक और बीएलएलआरओ को भी बुला लिया. मिली जानकारी के मुताबिक कुंडपुस्करिणी क्षेत्र में खड़े ओवरलोडेड बालू ट्रकों की कतार की एक तस्वीर ने उनका ध्यान खींचा. कुछ प्रशासनिक अधिकारियों पर बालू माफिया के साथ मिलीभगत के आरोपों को लेकर जिलेभर में बहस छिड़ी हुई है. सभाधिपाति ने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम की प्रशासनिक बैठक से ग्रामीण सड़कों पर ओवरलोडेड वाहनों की आवाजाही रोकने का कड़ा संदेश दिया था. उसके बाद भी इस तरह ओवरलोड बालू परिवहन हो रहा है? इसे जारी रहने नहीं दिया जा सकता. अनुसूया राय ने आरोप लगाया कि बालू के ट्रकों का वजन बालू के स्टॉक से करीब तीन किलोमीटर दूर तक किया जाता है. इस तीन किलोमीटर लंबी सड़क पर ओवरलोडेड वाहनों के चलने से सड़क की हालत खराब हो रही है. यहां तक कि धर्मकांटा यानी वजन तोलनेवाली मशीन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं. अतिरिक्त बालू खाली करने और बिना बिल के उसे बेचने के भी आरोप हैं स्थानीय ग्रामीण भी इस बारे में मुखर हैं उनका आरोप है कि इससे सड़क तेजी से खराब हो रही है कीचड़ और गड्ढों से भरी सड़कों की खस्ता हालत के लिए वे इन ओवरलोड वाहनों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं स्थानीय बीएलएलआरओ ने यह कहकर ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है कि मामला स्थानीय पंचायत का है. वैसे समझा जाता है कि ओवरलोडिंग के मुद्दे को लेकर भाजपा नेताओं के लगातार हमले को देखते हुए अनुसूया रॉय ने यह अभियान चलाया.
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