राम कुमार, आसनसोल
भारतीय रेलवे ने रेल कर्मचारी और ठेका रेल कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र की व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब पूरे भारतीय रेलवे में स्थायी रेल कर्मचारियों और ठेका कर्मचारियों के लिए अलग-अलग पहचान पत्र होंगे, ताकि काम के दौरान यह स्पष्ट रूप से पहचाना जा सके कि कौन परमानेंट रेलवे कर्मचारी है और कौन ठेका कर्मी. अक्सर स्टेशन या अन्य कार्य स्थलों पर यह पहचानना मुश्किल हो जाता था कि कौन रेलवे का स्थायी कर्मचारी है और कौन ठेका कर्मचारी. इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी मुख्यालयों को निर्देश जारी किये हैं कि अलग-अलग फॉर्मेट में पहचान पत्र जारी किये जायें.सभी मंडलों को भेजा गया आदेश
मुख्यालय से जारी आदेश के बाद सभी मंडलों में इस पर काम शुरू कर दिया गया है. इसके तहत रेलवे स्टेशन पर मौजूद बड़े-बड़े स्टॉल, फूड प्लाज़ा आदि में काम करने वाले कर्मचारियों को भी यह पहचान पत्र जारी किये जायेंगे. सूत्रों के अनुसार, इस नयी व्यवस्था से सुरक्षा के साथ-साथ कर्मचारियों की पारदर्शी पहचान सुनिश्चित होगी और रेलवे की कार्यप्रणाली और बेहतर हो सकेगी.क्यूआर कोड से मिलेगी पूरी जानकारी
नयी व्यवस्था के तहत दोनों तरह के पहचान पत्रों पर क्यूआर कोड होगा, जिससे कर्मचारी की पूरी जानकारी जैसे विभाग, सेवा की अवधि और कार्ड जारी करने की तिथि तुरंत मिल सकेगी. रेलवे बोर्ड ने इन पहचान पत्रों का एक मानकीकृत प्रारूप भी तैयार किया है, ताकि पूरे भारतीय रेलवे में एक जैसी व्यवस्था लागू हो. इससे रेलवे परिसरों में अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगेगी और सुरक्षा व्यवस्था भी और मजबूत होगी. अस्थायी रेल कर्मचारियों और ठेका रेल कर्मचारियों के पहचान पत्रों पर विशेष पहचान कोड भी रहेंगे, जिससे उनकी श्रेणी स्पष्ट रूप से पता चल सकेगी.
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